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*रथांगसप्तमी [[माघ]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[पंचमी]], [[षष्ठी]], [[सप्तमी]] पर क्रम से एकभक्त, नक्त एवं उपवास रखा जाता है।
 
*रथांगसप्तमी [[माघ]] [[शुक्ल पक्ष]] की [[पंचमी]], [[षष्ठी]], [[सप्तमी]] पर क्रम से एकभक्त, नक्त एवं उपवास रखा जाता है।
 
*कुछ लोग [[षष्ठी]] को उपवास एवं [[सप्तमी]] का पारण की व्यवस्था देते हैं, इसे '''महासप्तमी''' भी कहा जाता है।
 
*कुछ लोग [[षष्ठी]] को उपवास एवं [[सप्तमी]] का पारण की व्यवस्था देते हैं, इसे '''महासप्तमी''' भी कहा जाता है।
*हेमाद्रि व्रत खण्ड <ref>हेमाद्रि व्रत खण्ड 1, 659-660)</ref> एवं [[भविष्यपुराण]] <ref>भविष्यपुराण 1|51|1-16)</ref> ने भी यही नाम दिया है।
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*हेमाद्रि व्रत खण्ड <ref>हेमाद्रि व्रत खण्ड 1, 659-660</ref> एवं [[भविष्यपुराण]] <ref>भविष्यपुराण 1|51|1-16</ref> ने भी यही नाम दिया है।
  
 
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12:58, 27 जुलाई 2011 का अवतरण


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि व्रत खण्ड 1, 659-660
  2. भविष्यपुराण 1|51|1-16

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