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'''अशोक मेहता''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ashoka Mehta'' ;जन्म- [[24 अक्टूबर]], [[1911]], [[भावनगर]], [[गुजरात]]; मृत्यु- [[1984]]) [[भारत]] के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञों में से एक थे। ये समाजवादी नेता, [[सांसद]] तथा विचारक थे। भारत के [[स्वतंत्रता संग्राम]] में भी अशोक मेहता का योगदान था। देश की आज़ादी के बाद इनकी अध्यक्षता में 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' का गठन हुआ था। अशोक मेहता कुछ समय तक [[योजना आयोग]] के उपाध्यक्ष पद पर भी रहे थे।
 
==जन्म तथा शिक्षा==
 
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अशोक मेहता का जन्म 24 अक्टूबर, 1911 ई. में [[गुजरात]] के सौराष्ट्र (वर्तमान [[काठियावाड़]]) के [[भावनगर ज़िला|भावनगर ज़िले]] में हुआ था। इन्होंने अपनी शिक्षा [[मुम्बई]] के 'विल्सन कॉलेज' से प्राप्त की थी। उनके जीवन तथा विचारों पर [[रामकृष्ण परमहंस]], [[स्वामी विवेकानन्द]], [[राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी]] और [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] का काफ़ी प्रभाव पड़ा था। साथ ही वे हेराल्ड लास्की और कार्ल मार्क्स के विचारों से भी बहुत प्रभावित थे।
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क्रांतिकारी गतिविधियों में भी अशोक मेहता भाग लेने लगे थे। वर्ष [[1932]] के बाद उन्हें कई बार जेल की सज़ा भोगनी पड़ी। इन जेल यात्राओं में उनका सम्पर्क अच्युत पटवर्धन और [[जयप्रकाश नारायण]] जैसे व्यक्तियों से हुआ। [[1934]] में जब 'कांग्रेस समाजवादी दल' का गठन हुआ, तब 23 वर्ष के नवयुवक अशोक मेहता उसके सदस्य थे।
 
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अपनी पार्टी के साप्ताहिक 'कांग्रेस सोसलिस्ट' का उन्होने [[1939]] तक सम्पादन किया। उनका सम्बन्ध [[भारत]] के '[[किसान आन्दोलन]]' और '[[श्रमिक आन्दोलन]]' से भी था। '[[भारत छोड़ो आन्दोलन]]' में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही।
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अपनी पार्टी के साप्ताहिक 'कांग्रेस सोशलिस्ट' का उन्होने [[1939]] तक सम्पादन किया। उनका सम्बन्ध [[भारत]] के '[[किसान आन्दोलन]]' और '[[श्रमिक आन्दोलन]]' से भी था। '[[भारत छोड़ो आन्दोलन]]' में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही।
 
==विभिन्न पदों पर कार्य==
 
==विभिन्न पदों पर कार्य==
[[भारत]] की आज़ादी के बाद अशोक मेहता की अध्यक्षता में 'प्रजा सोसलिस्ट पार्टी' का निर्माण हुआ। वे दो बार [[लोकसभा]] के सदस्य चुने गये। अशोक मेहता कुछ समय तक '[[योजना आयोग]]' के उपाध्यक्ष भी रहे। वे भारत के केंद्रीय सरकार के मंत्री भी रहे। वर्ष [[1969]] में [[कांग्रेस]] के विभाजन के बाद वे 'संगठन कांग्रेस' में चले गये।
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[[भारत]] की आज़ादी के बाद अशोक मेहता की अध्यक्षता में 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' का निर्माण हुआ। वे दो बार [[लोकसभा]] के सदस्य चुने गये। अशोक मेहता कुछ समय तक '[[योजना आयोग]]' के उपाध्यक्ष भी रहे। वे भारत के केंद्रीय सरकार के मंत्री भी रहे। वर्ष [[1969]] में [[कांग्रेस]] के विभाजन के बाद वे 'संगठन कांग्रेस' में चले गये।
 
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अशोक मेहता का निधन [[1984]] में हुआ।
 
अशोक मेहता का निधन [[1984]] में हुआ।

05:26, 9 अक्टूबर 2016 का अवतरण

अशोक मेहता
अशोक मेहता
पूरा नाम अशोक मेहता
जन्म 24 अक्टूबर, 1911
जन्म भूमि भावनगर, गुजरात
मृत्यु 1984
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पद अशोक मेहता कुछ समय तक 'योजना आयोग' के उपाध्यक्ष रहे थे। वे भारत की केंद्रीय सरकार में मंत्री भी रहे।
विद्यालय 'विल्सन कॉलेज', मुम्बई
धर्म हिन्दू
अन्य जानकारी भारत की आज़ादी के बाद अशोक मेहता की अध्यक्षता में 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' का निर्माण हुआ था। वे दो बार लोकसभा के सदस्य चुने गये थे।

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अशोक मेहता (अंग्रेज़ी: Ashoka Mehta ;जन्म- 24 अक्टूबर, 1911, भावनगर, गुजरात; मृत्यु- 1984) भारत के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञों में से एक थे। ये समाजवादी नेता, सांसद तथा विचारक थे। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी अशोक मेहता का योगदान था। देश की आज़ादी के बाद इनकी अध्यक्षता में 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' का गठन हुआ था। अशोक मेहता कुछ समय तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष पद पर भी रहे थे।

जन्म तथा शिक्षा

अशोक मेहता का जन्म 24 अक्टूबर, 1911 ई. में गुजरात के सौराष्ट्र (वर्तमान काठियावाड़) के भावनगर ज़िले में हुआ था। इन्होंने अपनी शिक्षा मुम्बई के 'विल्सन कॉलेज' से प्राप्त की थी। उनके जीवन तथा विचारों पर रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानन्द, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और रवीन्द्रनाथ ठाकुर का काफ़ी प्रभाव पड़ा था। साथ ही वे हेराल्ड लास्की और कार्ल मार्क्स के विचारों से भी बहुत प्रभावित थे।

क्रांतिकारी गतिविधियाँ

क्रांतिकारी गतिविधियों में भी अशोक मेहता भाग लेने लगे थे। वर्ष 1932 के बाद उन्हें कई बार जेल की सज़ा भोगनी पड़ी। इन जेल यात्राओं में उनका सम्पर्क अच्युत पटवर्धन और जयप्रकाश नारायण जैसे व्यक्तियों से हुआ। 1934 में जब 'कांग्रेस समाजवादी दल' का गठन हुआ, तब 23 वर्ष के नवयुवक अशोक मेहता उसके सदस्य थे।

सम्पादन कार्य

अपनी पार्टी के साप्ताहिक 'कांग्रेस सोशलिस्ट' का उन्होने 1939 तक सम्पादन किया। उनका सम्बन्ध भारत के 'किसान आन्दोलन' और 'श्रमिक आन्दोलन' से भी था। 'भारत छोड़ो आन्दोलन' में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही।

विभिन्न पदों पर कार्य

भारत की आज़ादी के बाद अशोक मेहता की अध्यक्षता में 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' का निर्माण हुआ। वे दो बार लोकसभा के सदस्य चुने गये। अशोक मेहता कुछ समय तक 'योजना आयोग' के उपाध्यक्ष भी रहे। वे भारत के केंद्रीय सरकार के मंत्री भी रहे। वर्ष 1969 में कांग्रेस के विभाजन के बाद वे 'संगठन कांग्रेस' में चले गये।

निधन

अशोक मेहता का निधन 1984 में हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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