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'''कटिबन्ध''' से तात्पर्य है कि, प्रत्येक गोलार्द्ध को [[ताप]] के आधार पर कई भागों में बाँटा गया है। इन भागों को ही 'कटिबन्ध' कहते हैं।
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'''कटिबन्ध''' से तात्पर्य है कि, प्रत्येक गोलार्द्ध को [[ताप]] के आधार पर कई भागों में बाँटा गया है,  इन भागों को ही 'कटिबन्ध' कहते हैं। ये क्षेत्र [[विषुवत रेखा]] से दूरी के अनुसार बाँटे जाते हैं, क्योंकि [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] के विभिन्न क्षेत्रों में [[सूर्य तारा|सूर्य]] की किरणे कितनी लम्बवत गिरती हैं, यह उस स्थान की विषुवत रेखा से दूरी पर निर्भर करता है।
  
 
कटिबन्ध निम्न प्रकार के होते हैं-
 
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09:44, 26 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण

कटिबन्ध से तात्पर्य है कि, प्रत्येक गोलार्द्ध को ताप के आधार पर कई भागों में बाँटा गया है, इन भागों को ही 'कटिबन्ध' कहते हैं। ये क्षेत्र विषुवत रेखा से दूरी के अनुसार बाँटे जाते हैं, क्योंकि पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों में सूर्य की किरणे कितनी लम्बवत गिरती हैं, यह उस स्थान की विषुवत रेखा से दूरी पर निर्भर करता है।

कटिबन्ध निम्न प्रकार के होते हैं-

  1. ऊष्ण कटिबन्ध
  2. उपोष्ण कटिबन्ध
  3. शीतोष्ण कटिबन्ध
  4. ध्रुवीय कटिबन्ध


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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