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'''राधावल्लभ त्रिपाठी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Radhavallabh Tripathi'', जन्म- [[15 फ़रवरी]], [[1949]], राजगढ़, [[मध्य प्रदेश]]) प्रसिद्ध साहित्यकार हैं। मुख्यत: वे [[संस्कृत भाषा]] के प्रतिष्ठित साहित्यकार के रूप में जाने जाते हैं। उनके द्वारा रचित कविता-संग्रह 'संधानम्' के लिये उन्हें सन [[1994]] में '[[साहित्य अकादमी पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया था। राधावल्लभ त्रिपाठी संस्कृत को आधुनिकता का संस्कार देने वाले विद्वान और [[हिन्दी]] के प्रखर लेखक व कथाकार हैं।
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'''राधावल्लभ त्रिपाठी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Radhavallabh Tripathi'', जन्म- [[15 फ़रवरी]], [[1949]], राजगढ़, [[मध्य प्रदेश]]) प्रसिद्ध साहित्यकार हैं। मुख्यत: वे [[संस्कृत भाषा]] के प्रतिष्ठित [[साहित्यकार]] के रूप में जाने जाते हैं। उनके द्वारा रचित कविता-संग्रह 'संधानम्' के लिये उन्हें सन [[1994]] में '[[साहित्य अकादमी पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया था। राधावल्लभ त्रिपाठी संस्कृत को आधुनिकता का संस्कार देने वाले विद्वान् और [[हिन्दी]] के प्रखर लेखक व कथाकार हैं।
 
==प्रमुख कृतियाँ==
 
==प्रमुख कृतियाँ==
 
राधावल्लभ त्रिपाठी जी की प्रमुख कृतियाँ निम्न प्रकार हैं<ref>{{cite web |url= http://kavitakosh.org/kk/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A4%AD_%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A0%E0%A5%80|title=राधावल्लभ त्रिपाठी |accessmonthday=20 दिसम्बर|accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=kavitakosh.org |language=हिंदी }}</ref>-
 
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#आधुनिक संस्कृत साहित्य:संदर्भ सूची
  
  
राधावल्लभ त्रिपाठी [[हिन्दी]] के प्रखर लेखक व कथाकार हैं। ‘विक्रमादित्यकथा’ उनके द्वारा लिखी असाधारण कथा-कृति है। [[संस्कृत]] के महान गद्यकार महाकवि दण्डी पदलालित्य के लिए विख्यात हैं। ‘दशकुमारचरित’ उनकी चर्चित कृति है। परन्तु डॉ. राधावल्लभ त्रिपाठी को उनकी एक और संस्कृत कृति ‘विक्रमादित्यकथा’ की जीर्ण-शीर्ण पाण्डुलिपि हाथ लग गयी। इस कृति को हिन्दी में औपन्यासिक रूप देकर डॉ. त्रिपाठी ने एक ओर मूल कृति के स्वरूप की रक्षा की है और दूसरी ओर उसे एक मार्मिक [[कथा]] के रूप में अवतरित किया है। इस कृति से उस युग का नया परिदृश्य उद्घाटित होता है और पाठक का मनोलोक अनोखे सौंदर्य से भर उठता है।<ref>{{cite web |url=http://pustak.org/books/bookdetails/747|title=विक्रमादित्य कथा, राधावल्लभ त्रिपाठी |accessmonthday=20 दिसम्बर|accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=pustak.org|language=हिंदी }}</ref>
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आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी संस्कृत तथा हिन्दी दोनों परिदृश्यों में समान रूप से प्रतिष्ठित तथा स्वीकार्य हैं। संस्कृत क्षेत्र में वे एक विश्व नागरिक की भाँति वे उसमें रहकर उसे बाहर से भी देख सकते हैं। यह दृष्टि
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बहुत ही स्वस्थ और दुर्लभ है।<ref>{{cite web |url=https://archive.org/details/Prof.RadhavallavTripathiSir|title=Prof. Radha Vallabh Tripathi - An interview (भाषा के अगम सागर में) |accessmonthday=20 दिसम्बर|accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=|language=हिंदी }}</ref> राधावल्लभ त्रिपाठी [[संस्कृत]] को आधुनिकता का संस्कार देने वाले विद्वान् और [[हिन्दी]] के प्रखर लेखक व कथाकार हैं। ‘विक्रमादित्यकथा’ उनके द्वारा लिखी असाधारण कथा-कृति है। [[संस्कृत]] के महान् गद्यकार [[दण्डी|महाकवि दण्डी]] पदलालित्य के लिए विख्यात हैं। ‘दशकुमारचरित’ उनकी चर्चित कृति है। परन्तु डॉ. राधावल्लभ त्रिपाठी को उनकी एक और संस्कृत कृति ‘विक्रमादित्यकथा’ की जीर्ण-शीर्ण पाण्डुलिपि हाथ लग गयी। इस कृति को हिन्दी में औपन्यासिक रूप देकर डॉ. त्रिपाठी ने एक ओर मूल कृति के स्वरूप की रक्षा की है और दूसरी ओर उसे एक मार्मिक [[कथा]] के रूप में अवतरित किया है। इस कृति से उस युग का नया परिदृश्य उद्घाटित होता है और पाठक का मनोलोक अनोखे सौंदर्य से भर उठता है।<ref>{{cite web |url=http://pustak.org/books/bookdetails/747|title=विक्रमादित्य कथा, राधावल्लभ त्रिपाठी |accessmonthday=20 दिसम्बर|accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=pustak.org|language=हिंदी }}</ref>
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==नया साहित्य:नया साहित्यशास्त्र==
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'नया साहित्य: नया साहित्यशास्त्र' विद्वान् राधावल्लभ त्रिपाठी की काव्यशास्त्र पर तीसरी पुस्तक है। यह [[संस्कृत]] काव्यशास्त्र के [[अलंकार]] प्रस्थान की व्यापक वैचारिक और संरचनात्मक आधारभूमि को रेखांकित करती है। अलंकार की व्यावहारिक परिणतियों और अलंकार विमर्श की व्यापक अर्थवत्ता को आज के [[साहित्य]] के सन्दर्भ में यहाँ परखा गया है। अलंकार तत्त्व की इसमें प्रस्तुत नई व्याख्या उसकी अछूती सम्भावनाएँ खोलती है तथा साहित्य के अध्ययन के लिए संरचनावादी काव्यशास्त्र की एक भूमिका निर्मित करती है। संस्कृत के प्रख्यात कवियों के साथ [[हिन्दी]] कवियों में '[[सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'|निराला]]' और '[[गजानन माधव 'मुक्तिबोध'|मुक्तिबोध]]' तथा बोरिस पास्तरनाक जैसे रूसी रचनाकारों और मिलान कुन्देरा जैसे उत्तर-आधुनिक युग के लेखकों तक की [[मीमांसा दर्शन|मीमांसा]] लेखक ने निर्भीकता के साथ यहाँ की है। लेखक का मानना है कि पश्चिम में सस्यूर, सूसन लैंगर, चॉम्स्की आदि के प्रतिपादन तथा उत्तर-आधुनिकतावाद के सन्दर्भ में भारतीय काव्यचिंतन के अलंकार तत्त्व की महती पीठिका पुनः उजागर करना ज़रूरी है।<ref>{{cite web |url=http://rajkamalprakashan.com/default/naya-sahitya-naya-sahityashashtra-399|title=Naya Sahitya : Naya Sahityashashtra |accessmonthday=20 दिसम्बर|accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=राजकमल प्रकाशन समूह|language=हिंदी }}</ref>
 
==पुरस्कार-सम्मान==
 
==पुरस्कार-सम्मान==
 
*राधावल्लभ त्रिपाठी को उनके कविता संग्रह 'सन्धानम' पर [[1994]] में '[[साहित्य अकादमी पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया था।
 
*राधावल्लभ त्रिपाठी को उनके कविता संग्रह 'सन्धानम' पर [[1994]] में '[[साहित्य अकादमी पुरस्कार]]' से सम्मानित किया गया था।
 
*बिरला फ़ाउंडेशन के 'शंकर पुरस्कार' सहित और भी अनेक पुरस्कार व सम्मान उन्हें मिल चुके हैं।
 
*बिरला फ़ाउंडेशन के 'शंकर पुरस्कार' सहित और भी अनेक पुरस्कार व सम्मान उन्हें मिल चुके हैं।
 
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*[https://ravivardigest.blogspot.in/2016/08/blog-post_56.html संस्कृत साहित्य में स्वाधीन स्त्रियाँ : राधावल्लभ त्रिपाठी]
 
*[https://ravivardigest.blogspot.in/2016/08/blog-post_56.html संस्कृत साहित्य में स्वाधीन स्त्रियाँ : राधावल्लभ त्रिपाठी]
 
*[http://www.bbc.com/hindi/india/2015/07/150701_sanskrit_sushma_swaraj_sr संस्कृत को उसकी संस्कृति ने मारा]
 
*[http://www.bbc.com/hindi/india/2015/07/150701_sanskrit_sushma_swaraj_sr संस्कृत को उसकी संस्कृति ने मारा]
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*[http://www.hindisamay.com/writer/writer_details_n.aspx?id=1530 राधावल्लभ त्रिपाठी]
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*[http://radhavallabh.co.in/biography.html Biography of  Radhavallabh Tripathi]
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*[http://sanskrit.nic.in/VC.pdf Radhavallabh Tripathi : A Profile]
 
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राधावल्लभ त्रिपाठी
राधावल्लभ त्रिपाठी
पूरा नाम राधावल्लभ त्रिपाठी
जन्म 15 फ़रवरी, 1949
जन्म भूमि राजगढ़, मध्य प्रदेश
कर्म भूमि भारत
मुख्य रचनाएँ 'सन्धानम', 'गीतधीवरम', 'नया साहित्य नया साहित्यशास्त्र', 'विक्रमादित्य कथा', 'नाट्यशास्त्र विश्वकोश', 'संस्कृत कविता की लोकधर्मी परंपरा' आदि।
भाषा हिन्दी, संस्कृत
शिक्षा एम.ए. (1970, संस्कृत, गोल्ड मेडल), पीएच.डी (1972), डी.लिट्‌ (1981)[1]
पुरस्कार-उपाधि 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' (1994), 'पंडित राज सम्मान' (2016), 'शंकर पुरस्कार'
प्रसिद्धि प्रखर हिन्दी लेखक और संस्कृत साहित्यकार
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी ‘विक्रमादित्यकथा’ राधावल्लभ त्रिपाठी के द्वारा लिखी असाधारण कथा-कृति है। संस्कृत के महान् गद्यकार महाकवि दण्डी पदलालित्य के लिए विख्यात हैं। 'दशकुमारचरित’ उनकी चर्चित कृति है।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

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राधावल्लभ त्रिपाठी (अंग्रेज़ी: Radhavallabh Tripathi, जन्म- 15 फ़रवरी, 1949, राजगढ़, मध्य प्रदेश) प्रसिद्ध साहित्यकार हैं। मुख्यत: वे संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार के रूप में जाने जाते हैं। उनके द्वारा रचित कविता-संग्रह 'संधानम्' के लिये उन्हें सन 1994 में 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। राधावल्लभ त्रिपाठी संस्कृत को आधुनिकता का संस्कार देने वाले विद्वान् और हिन्दी के प्रखर लेखक व कथाकार हैं।

प्रमुख कृतियाँ

राधावल्लभ त्रिपाठी जी की प्रमुख कृतियाँ निम्न प्रकार हैं[2]-

  1. सन्धानम (1989)
  2. लहरीदशकम (1991)
  3. गीतधीवरम (1996)
  4. सम्पलवः (2000)
  5. नया साहित्य नया साहित्यशास्त्र
  6. कथासरित्सागर
  7. संस्कृत साहित्य सौरभ (तीसरा और चौथा खंड)
  8. आदि कवि वाल्मीकि
  9. संस्कृत कविता की लोकधर्मी परंपरा (दो संस्करण)
  10. काव्यशास्त्र और काव्य (संस्कृत काव्यशास्त्र और काव्यपरंपरा शीर्षक से नया संस्करण)
  11. भारतीय नाट्य शास्त्र की परंपरा एवं विश्व रंगमंच
  12. विक्रमादित्य कथा
  13. लेक्चर्स ऑन नाट्यशास्त्र
  14. नाट्यशास्त्र विश्वकोश (चार खंड)
  15. ए बिब्लिओग्राफी ऑफ अलंकारशास्त्र
  16. कादंबरी
  17. आधुनिक संस्कृत साहित्य:संदर्भ सूची


आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी संस्कृत तथा हिन्दी दोनों परिदृश्यों में समान रूप से प्रतिष्ठित तथा स्वीकार्य हैं। संस्कृत क्षेत्र में वे एक विश्व नागरिक की भाँति वे उसमें रहकर उसे बाहर से भी देख सकते हैं। यह दृष्टि बहुत ही स्वस्थ और दुर्लभ है।[3] राधावल्लभ त्रिपाठी संस्कृत को आधुनिकता का संस्कार देने वाले विद्वान् और हिन्दी के प्रखर लेखक व कथाकार हैं। ‘विक्रमादित्यकथा’ उनके द्वारा लिखी असाधारण कथा-कृति है। संस्कृत के महान् गद्यकार महाकवि दण्डी पदलालित्य के लिए विख्यात हैं। ‘दशकुमारचरित’ उनकी चर्चित कृति है। परन्तु डॉ. राधावल्लभ त्रिपाठी को उनकी एक और संस्कृत कृति ‘विक्रमादित्यकथा’ की जीर्ण-शीर्ण पाण्डुलिपि हाथ लग गयी। इस कृति को हिन्दी में औपन्यासिक रूप देकर डॉ. त्रिपाठी ने एक ओर मूल कृति के स्वरूप की रक्षा की है और दूसरी ओर उसे एक मार्मिक कथा के रूप में अवतरित किया है। इस कृति से उस युग का नया परिदृश्य उद्घाटित होता है और पाठक का मनोलोक अनोखे सौंदर्य से भर उठता है।[4]

नया साहित्य:नया साहित्यशास्त्र

'नया साहित्य: नया साहित्यशास्त्र' विद्वान् राधावल्लभ त्रिपाठी की काव्यशास्त्र पर तीसरी पुस्तक है। यह संस्कृत काव्यशास्त्र के अलंकार प्रस्थान की व्यापक वैचारिक और संरचनात्मक आधारभूमि को रेखांकित करती है। अलंकार की व्यावहारिक परिणतियों और अलंकार विमर्श की व्यापक अर्थवत्ता को आज के साहित्य के सन्दर्भ में यहाँ परखा गया है। अलंकार तत्त्व की इसमें प्रस्तुत नई व्याख्या उसकी अछूती सम्भावनाएँ खोलती है तथा साहित्य के अध्ययन के लिए संरचनावादी काव्यशास्त्र की एक भूमिका निर्मित करती है। संस्कृत के प्रख्यात कवियों के साथ हिन्दी कवियों में 'निराला' और 'मुक्तिबोध' तथा बोरिस पास्तरनाक जैसे रूसी रचनाकारों और मिलान कुन्देरा जैसे उत्तर-आधुनिक युग के लेखकों तक की मीमांसा लेखक ने निर्भीकता के साथ यहाँ की है। लेखक का मानना है कि पश्चिम में सस्यूर, सूसन लैंगर, चॉम्स्की आदि के प्रतिपादन तथा उत्तर-आधुनिकतावाद के सन्दर्भ में भारतीय काव्यचिंतन के अलंकार तत्त्व की महती पीठिका पुनः उजागर करना ज़रूरी है।[5]

पुरस्कार-सम्मान

  • राधावल्लभ त्रिपाठी को उनके कविता संग्रह 'सन्धानम' पर 1994 में 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
  • बिरला फ़ाउंडेशन के 'शंकर पुरस्कार' सहित और भी अनेक पुरस्कार व सम्मान उन्हें मिल चुके हैं।
  • 'पंडित राज सम्मान' (2016)


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. Biography of Radhavallabh Tripathi (हिंदी) radhavallabh.co.in। अभिगमन तिथि: 20 दिसम्बर, 2016।
  2. राधावल्लभ त्रिपाठी (हिंदी) kavitakosh.org। अभिगमन तिथि: 20 दिसम्बर, 2016।
  3. Prof. Radha Vallabh Tripathi - An interview (भाषा के अगम सागर में) (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 20 दिसम्बर, 2016।
  4. विक्रमादित्य कथा, राधावल्लभ त्रिपाठी (हिंदी) pustak.org। अभिगमन तिथि: 20 दिसम्बर, 2016।
  5. Naya Sahitya : Naya Sahityashashtra (हिंदी) राजकमल प्रकाशन समूह। अभिगमन तिथि: 20 दिसम्बर, 2016।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

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