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*उसके जमाने में दिल्ली के आसपास के लोग गाँव छोड़कर जंगलों में चले गए थे, क्योंकि वह लड़कियों का उठवा लेता था।
 
*उसके जमाने में दिल्ली के आसपास के लोग गाँव छोड़कर जंगलों में चले गए थे, क्योंकि वह लड़कियों का उठवा लेता था।
 
*यह भी कहा जाता है कि एक बार फ़्रेज़र ने [[मेवात ज़िला|मेवात]] की रहने वाली सृजन को उठवा लिया था, जिस पर सृजन-फ़्रेज़र के नाम से एक मशहूर लोकगीत भी बना।
 
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*यह घटना सन 1834-1835 ई. के बीच घटी थी।<ref>{{cite web |url=http://baithak.hindyugm.com/2009/06/blog-post_24.html|title=विद्रोह में लोक साहित्य|accessmonthday=12 अप्रैल|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
  
 
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11:15, 12 अप्रैल 2012 का अवतरण

विलियम फ़्रेज़र ब्रिटिश भारत में दिल्ली के प्रारंभिक अंग्रेज़ प्रशासकों में से एक था। वह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से बहुत सम्मोहित हुआ था। उसके विषय में कहा जाता है कि उसका व्यक्तित्व अच्छाईयों और बुराईयों का सम्मिश्रण था।

  • फ़ेज़र हिन्दू और मुस्लिमों से काफ़ी घुल-मिलकर रहा करता था।
  • वह गाय और सूअर का माँस खाना बिल्कुल पसन्द नहीं करता था।
  • उसके व्यक्तित्व में अच्छाईयों के साथ बुराईयों भी बहुत थीं।
  • कहा जाता है कि वह अय्याश और अत्याचारी स्वभाव का था।
  • उसके जमाने में दिल्ली के आसपास के लोग गाँव छोड़कर जंगलों में चले गए थे, क्योंकि वह लड़कियों का उठवा लेता था।
  • यह भी कहा जाता है कि एक बार फ़्रेज़र ने मेवात की रहने वाली सृजन को उठवा लिया था, जिस पर सृजन-फ़्रेज़र के नाम से एक मशहूर लोकगीत भी बना।
  • यह घटना सन 1834-1835 ई. के बीच घटी थी।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विद्रोह में लोक साहित्य (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 12 अप्रैल, 2012।

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