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− | '''वृषभासुर''' एक [[असुर]] था, जिसे [[कृष्ण]] का वध करने के लिए [[मथुरा]] के राजा [[कंस]] द्वारा भेजा गया था। वृषभासुर को 'अरिष्टासुर' भी कहा गया है। | + | '''वृषभासुर''' एक [[असुर]] था, जिसे [[कृष्ण]] का वध करने के लिए [[मथुरा]] के राजा [[कंस]] द्वारा भेजा गया था। यह भयंकर साँड़ के रूप में कृष्ण का वध करने आया था। वृषभासुर को 'अरिष्टासुर' भी कहा गया है। |
− | *[[कृष्ण]] को मारने के उद्देश्य से यह असुर एक दिन [[गाय|गायों]] के बीच वृषभ का रूप धारण करके आया। | + | *[[कृष्ण]] को मारने के उद्देश्य से यह [[असुर]] एक दिन [[गाय|गायों]] के बीच वृषभ का रूप धारण करके आया। |
*वृषभासुर को देखते ही सभी गायें भयभीत होकर इधर-उधर भागने लगीं। | *वृषभासुर को देखते ही सभी गायें भयभीत होकर इधर-उधर भागने लगीं। | ||
− | *कृष्ण ने वृषभ रूप में आये वृषभासुर को | + | *कृष्ण ने वृषभ रूप में आये वृषभासुर को पहचान लिया। |
*असुर वृषभासुर कृष्ण को मारने के लिए दौड़ा, लेकिन [[कृष्ण]] ने उसे पैर से पकड़कर मार डाला। | *असुर वृषभासुर कृष्ण को मारने के लिए दौड़ा, लेकिन [[कृष्ण]] ने उसे पैर से पकड़कर मार डाला। | ||
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10:49, 1 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण
वृषभासुर एक असुर था, जिसे कृष्ण का वध करने के लिए मथुरा के राजा कंस द्वारा भेजा गया था। यह भयंकर साँड़ के रूप में कृष्ण का वध करने आया था। वृषभासुर को 'अरिष्टासुर' भी कहा गया है।
- कृष्ण को मारने के उद्देश्य से यह असुर एक दिन गायों के बीच वृषभ का रूप धारण करके आया।
- वृषभासुर को देखते ही सभी गायें भयभीत होकर इधर-उधर भागने लगीं।
- कृष्ण ने वृषभ रूप में आये वृषभासुर को पहचान लिया।
- असुर वृषभासुर कृष्ण को मारने के लिए दौड़ा, लेकिन कृष्ण ने उसे पैर से पकड़कर मार डाला।
इन्हें भी देखें: यमलार्जुन मोक्ष, शकटासुर वध एवं धेनुकासुर वध
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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