हृद्य
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हृद्य पाणिनिकालीन भारत में प्रचलित एक शब्द था।
- पाणिनि ने एक सूत्र में उन वशीकरण मंत्रों का भी उल्लेख किया है, जिनका जप करके पुरुष स्त्री के हृदय को अपने वश में कर लेता था। यह मंत्र वैदिक है, जो अथर्ववेद में संग्रहित है। स्त्री हृदय को बांधने वाले यह मंत्र ‘हृद्य’ कहलाते थे।[1][2]
इन्हें भी देखें: पाणिनि, अष्टाध्यायी एवं भारत का इतिहास
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