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'''अर्थ'''- हठ पकड़ लेना, ज़िद न छोड़ना।
 
'''अर्थ'''- हठ पकड़ लेना, ज़िद न छोड़ना।
  
'''प्रयोग'''- ढंग से फुसला-समझकर चाहे कैसी ही बात मनवा लो, किन्तु जहाँ उस पर अपना निश्चय थोपने की कोशिश की, वहीं पर बिदकी छोड़ी-सी अड़ जाती थी। -  [[शिवानी]]।
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'''प्रयोग'''- ढंग से फुसला-समझाकर चाहे कैसी ही बात मनवा लो, किन्तु जहाँ उस पर अपना निश्चय थोपने की कोशिश की, वहीं पर बिदकी छोड़ी-सी अड़ जाती थी। -  [[शिवानी]]।
  
  

10:40, 25 अक्टूबर 2015 का अवतरण

अड़ जाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- हठ पकड़ लेना, ज़िद न छोड़ना।

प्रयोग- ढंग से फुसला-समझाकर चाहे कैसी ही बात मनवा लो, किन्तु जहाँ उस पर अपना निश्चय थोपने की कोशिश की, वहीं पर बिदकी छोड़ी-सी अड़ जाती थी। - शिवानी


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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