आँखें न ठहरना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- एकटक न देख पाना।
प्रयोग- पच्चीकारी ऐसी हो रही थी कि आखें नहीं ठहरती थीं। - (प्रेमचंद)