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#तुम्हें देखते हैं रात दिन, आँखें सेंकते हैं रात दिन। -(देवीप्रसाद)  
 
#तुम्हें देखते हैं रात दिन, आँखें सेंकते हैं रात दिन। -(देवीप्रसाद)  
#बेटा तुम आँखें सेंक रहे थे और एहसान इस गरीब पर कि तुम्हारा इंतजार कर रहे थे। - (गिरिधर गोपाल)
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#बेटा तुम आँखें सेंक रहे थे और एहसान इस ग़रीब पर कि तुम्हारा इंतजार कर रहे थे। - (गिरिधर गोपाल)
  
  

09:19, 12 अप्रैल 2018 का अवतरण

आँखें सेंकना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- किसी क सुदर रुप देख-देखकर अपनी आँखों को तृप्त करना।

प्रयोग-

  1. तुम्हें देखते हैं रात दिन, आँखें सेंकते हैं रात दिन। -(देवीप्रसाद)
  2. बेटा तुम आँखें सेंक रहे थे और एहसान इस ग़रीब पर कि तुम्हारा इंतजार कर रहे थे। - (गिरिधर गोपाल)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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