"निराशावादी -रामधारी सिंह दिनकर" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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लोगों के दिल में कहीं अश्रु क्या बाकी है? | लोगों के दिल में कहीं अश्रु क्या बाकी है? | ||
बोलो, बोलो, विस्मय में यों मत मौन रहो । | बोलो, बोलो, विस्मय में यों मत मौन रहो । | ||
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10:22, 3 जनवरी 2012 का अवतरण
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पर्वत पर, शायद, वृक्ष न कोई शेष बचा
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