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परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना।
 
परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना।
बिर का दुख बहुत कठिन है प्रीतम अब आजावना।
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बिर का दु:ख बहुत कठिन है प्रीतम अब आजावना।
 
इस पार जमुना उस पार गंगा बीच चंदन का पेड़ ना।
 
इस पार जमुना उस पार गंगा बीच चंदन का पेड़ ना।
 
इस पेड़ ऊपर कागा बोले कागा का बचन सुहावना।  
 
इस पेड़ ऊपर कागा बोले कागा का बचन सुहावना।  

14:03, 2 जून 2017 के समय का अवतरण

परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना -अमीर ख़ुसरो
अमीर ख़ुसरो
कवि अमीर ख़ुसरो
जन्म 1253 ई.
जन्म स्थान एटा, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1325 ई.
मुख्य रचनाएँ मसनवी किरानुससादैन, मल्लोल अनवर, शिरीन ख़ुसरो, मजनू लैला, आईने-ए-सिकन्दरी, हश्त विहिश
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
अमीर ख़ुसरो की रचनाएँ

परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आवना।
बिर का दु:ख बहुत कठिन है प्रीतम अब आजावना।
इस पार जमुना उस पार गंगा बीच चंदन का पेड़ ना।
इस पेड़ ऊपर कागा बोले कागा का बचन सुहावना।

















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