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[[लॉर्ड कैनिंग]] के [[गवर्नर-जनरल]] के रूप में शासन करने के दौरान ही [[1857]] ई. की महान क्रान्ति हुई। इस क्रान्ति का आरम्भ [[10 मई]], 1857 ई. को [[मेरठ]] से हुआ, जो धीरे-धीरे [[कानपुर]], [[बरेली]], [[झांसी]], [[दिल्ली]], [[अवध]] आदि स्थानों पर फैल गया। इस क्रान्ति की शुरुआत तो एक सैन्य विद्रोह के रूप में हुई, परन्तु कालान्तर में उसका स्वरूप बदल कर ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध एक जनव्यापी विद्रोह के रूप में हो गया, जिसे [[भारत]] का [[प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम]] कहा गया। प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की प्रमुख घटनाएँ एवं तिथियाँ इस प्रकार हैं-<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/imp_dates_of_revolt.php |title=भारत के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की मुख्य घटनाएँ व उनकी तिथियाँ। |accessmonthday= 14 फ़रवरी|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.kranti1857.org |language=हिंदी }}</ref>
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[[लॉर्ड कैनिंग]] के [[गवर्नर-जनरल]] के रूप में शासन करने के दौरान ही [[1857]] ई. की महान् क्रान्ति हुई। इस क्रान्ति का आरम्भ [[10 मई]], 1857 ई. को [[मेरठ]] से हुआ, जो धीरे-धीरे [[कानपुर]], [[बरेली]], [[झांसी]], [[दिल्ली]], [[अवध]] आदि स्थानों पर फैल गया। इस क्रान्ति की शुरुआत तो एक सैन्य विद्रोह के रूप में हुई, परन्तु कालान्तर में उसका स्वरूप बदल कर ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध एक जनव्यापी विद्रोह के रूप में हो गया, जिसे [[भारत]] का [[प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम]] कहा गया। प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की प्रमुख घटनाएँ एवं तिथियाँ इस प्रकार हैं-<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/imp_dates_of_revolt.php |title=भारत के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की मुख्य घटनाएँ व उनकी तिथियाँ। |accessmonthday= 14 फ़रवरी|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.kranti1857.org |language=हिंदी }}</ref>
 
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लॉर्ड कैनिंग के गवर्नर-जनरल के रूप में शासन करने के दौरान ही 1857 ई. की महान् क्रान्ति हुई। इस क्रान्ति का आरम्भ 10 मई, 1857 ई. को मेरठ से हुआ, जो धीरे-धीरे कानपुर, बरेली, झांसी, दिल्ली, अवध आदि स्थानों पर फैल गया। इस क्रान्ति की शुरुआत तो एक सैन्य विद्रोह के रूप में हुई, परन्तु कालान्तर में उसका स्वरूप बदल कर ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध एक जनव्यापी विद्रोह के रूप में हो गया, जिसे भारत का प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम कहा गया। प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम की प्रमुख घटनाएँ एवं तिथियाँ इस प्रकार हैं-[1]

प्रमुख तारीखें
1857
8 मार्च मंगल पांडे की मृत्यु
अप्रैल लखनऊ में 48वां आंदोलन
10 मई मेरठ में क्रान्ति और हत्याएँ
23 मई आगरा में आकस्मिक भय की स्थिति उत्पन्न
28 मई नसीराबाद में विद्रोह
30 मई लखनऊमदुरै में आंदोलन
31 मई भरतपुर में सिपाही विद्रोह
3 जून नीमच में विद्रोह
6 जून कानपुर में कठिनाइयों की शुरुआत, इलाहाबाद में क्रांति
7 जून अलीपुर में विल्सन व बर्नार्ड का मिलना
8 जून बादली की सराय का युद्ध, झांसी में नरसंहार
11 जून लखनऊ में पुलिस क्रांति, इलाहाबाद में अफ़सर नील का आगमन
27 जून कानपुर में विनाश व हत्याएँ
30 जून लखनऊ रेजिडेन्सी को घेरा गया
1 जुलाई इंदौर में क्रांति
2 जुलाई बख़्त ख़ान का दिल्ली आगमन
4 जुलाई लखनऊ में सर हेनरी लॉरेन्स की मृत्यु
5 जुलाई जनरल बर्नार्ड की मृत्यु
7 जुलाई हॅवलोक की सेना का कानपुर से निकल जाना
11 जुलाई अलवर में विद्रोह
16 जुलाई कानपुर की प्रथम लड़ाई में नाना साहब की हार
5 अगस्त बशीरतगंज पर हॅवलोक की जीत
9 अगस्त अजमेर जेल में विद्रोह
13 अगस्त कानपुर से हॅवलोक की रवानगी
14 अगस्त जॉन निकोलसन का दिल्ली आगमन
16 अगस्त बिठूर में हॅवलोक की विजय
21 अगस्त एरिनपुरा में विद्रोह
5 सितम्बर जेम्स आउट्रम का कानपुर में आगमन
8 सितम्बर जोधपुर लीजियन में विद्रोह
14 सितम्बर दिल्ली पर आक्रमण
19 सितम्बर हॅवलोक व आउट्रम का लखनऊ की ओर कूच
20 सितम्बर दिल्ली पर ब्रिटिश सरकार का अधिकार
21 सितम्बर विलियम हडसन ने दिल्ली के राजा को कैद किया
22 सितम्बर हडसन द्वारा दिल्ली के राजकुमारों की मौत
अक्टूबर धौलपुर राज्य में विद्रोह
10 अक्टूबर आगरा के क्रांतिकारियों की पराजय
15 अक्टूबर कोटा में विद्रोह
19 नवम्बर लखनऊ से औरतों व बच्चों को हटाया गया
22 नवम्बर लखनऊ से ब्रिटिश सरकार का हटना
28 नवम्बर हॅवलोक की मृत्यु
28 नवम्बर कानपुर के द्वितीय आंदोलन में अफ़सर विंढ़म की हार
6 दिसम्बर कानपुर के तीसरे युद्ध में तात्या टोपे की हार
1858
1858 राजपूताने के सिक्कों पर महारानी विक्टोरिया का नाम शुरू
6 जनवरी फ़तेहगढ़ पर कैम्पबेल का फिर से अधिकार
2 मार्च कैम्पबेल का लखनऊ लौटना
21 मार्च लखनऊ से अंतिम क्रांति को मिटाना
3 अप्रैल झांसी पर ब्रिटिश सरकार का अधिकार
15 अप्रैल रूईया में ब्रिटिश अफ़सर वॉलपोल की हार
23 अप्रैल कालपी में ब्रितानी अफ़सर रोज़ का प्रवेश
5 मई बरेली में कैम्पबेल की जीत
5 जून मौलवी अहमद शाह की मृत्यु
17 जून झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की मृत्यु
19 जून ग्वालियर का युद्ध
1859
29 मार्च बहादुरशाह का रोष
18 अप्रैल तात्या टोपे की मृत्यु


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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