एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"भीमस्वामी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''भीमस्वामी''' छठी शताब्दी ई० के अंतिम चरण में इनकी स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो (Text replacement - "कमजोर" to "कमज़ोर")
 
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''भीमस्वामी''' छठी शताब्दी ई० के अंतिम चरण में इनकी स्थिति मानी जाती है।
+
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
*इनका 'रावणार्जुनीय काव्य' प्रसिद्ध है। 27 सर्गों वाले इस काव्य में कार्तवीर्य [[अर्जुन]] तथा [[रावण]] के युद्ध का वर्णन है।
+
|चित्र=blankimage.png
*भट्टि काव्य की तरह इस काव्य में भी काव्य के बहाने [[संस्कृत]] व्याकरण के नियमों के उदाहरण उपस्थित किए गए हैं जिससे काव्यपक्ष कमजोर हो गया है।{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%80|title=भीमस्वामी |accessmonthday=23 सितम्बर |accessyear=2015 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language=हिंदी }}
+
|चित्र का नाम=
 +
|विवरण=भीमस्वामी [[संस्कृत भाषा]] के श्रेष्ठ [[कवि]] थे।
 +
|शीर्षक 1=पूरा नाम
 +
|पाठ 1=भीमस्वामी
 +
|शीर्षक 2=जन्म
 +
|पाठ 2=छठी [[शताब्दी]]
 +
|शीर्षक 3=मुख्य रचनाएँ
 +
|पाठ 3=रावणार्जुनीय काव्य, कार्तवीर्य अर्जुन, रावण
 +
|शीर्षक 4=[[भाषा]]
 +
|पाठ 4=[[संस्कृत]]
 +
|शीर्षक 5=
 +
|पाठ 5=
 +
|शीर्षक 6=
 +
|पाठ 6=
 +
|शीर्षक 7=
 +
|पाठ 7=
 +
|शीर्षक 8=
 +
|पाठ 8=
 +
|शीर्षक 9=
 +
|पाठ 9=
 +
|शीर्षक 10=
 +
|पाठ 10=
 +
|संबंधित लेख=
 +
|अन्य जानकारी=
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
|अद्यतन=04:49, 22 जून 2017 (IST)
 +
}}
 +
'''भीमस्वामी''' [[संस्कृत भाषा]] के श्रेष्ठ [[कवि]] थे। इनकी स्थिति छठी [[शताब्दी]] ई. के अंतिम चरण में मानी जाती है।
  
{{लेख प्रगति|आधार |प्रारम्भिक=1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
+
*इनका 'रावणार्जुनीय काव्य' प्रसिद्ध है। 27 सर्गों वाले इस काव्य में [[कार्तवीर्य अर्जुन]] तथा [[रावण]] के युद्ध का वर्णन है।
 +
*भट्टि काव्य की तरह इस काव्य में भी काव्य के बहाने [[संस्कृत]] [[व्याकरण]] के नियमों के उदाहरण उपस्थित किए गए हैं, जिससे काव्य पक्ष कमज़ोर हो गया है।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%80|title=भीमस्वामी |accessmonthday=23 सितम्बर |accessyear=2015 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language=हिंदी }}</ref>
 +
 
 +
{{लेख प्रगति|आधार|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
[{भारत के कवि}]
+
{{भारत के कवि}}
[[Category:कवि]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]][[Category:नया पन्ना]]
+
[[Category:कवि]][[Category:संस्कृत साहित्यकार]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

11:36, 5 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

भीमस्वामी
Blankimage.png
विवरण भीमस्वामी संस्कृत भाषा के श्रेष्ठ कवि थे।
पूरा नाम भीमस्वामी
जन्म छठी शताब्दी
मुख्य रचनाएँ रावणार्जुनीय काव्य, कार्तवीर्य अर्जुन, रावण
भाषा संस्कृत
अद्यतन‎ 04:49, 22 जून 2017 (IST)

भीमस्वामी संस्कृत भाषा के श्रेष्ठ कवि थे। इनकी स्थिति छठी शताब्दी ई. के अंतिम चरण में मानी जाती है।

  • इनका 'रावणार्जुनीय काव्य' प्रसिद्ध है। 27 सर्गों वाले इस काव्य में कार्तवीर्य अर्जुन तथा रावण के युद्ध का वर्णन है।
  • भट्टि काव्य की तरह इस काव्य में भी काव्य के बहाने संस्कृत व्याकरण के नियमों के उदाहरण उपस्थित किए गए हैं, जिससे काव्य पक्ष कमज़ोर हो गया है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भीमस्वामी (हिंदी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 23 सितम्बर, 2015।