"हरि को टाँडौ लादे जाइ रे -रैदास" के अवतरणों में अंतर
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रांम नांम धंन पायौ, ताथैं सहजि करौं ब्यौपार रे।। टेक।। | रांम नांम धंन पायौ, ताथैं सहजि करौं ब्यौपार रे।। टेक।। | ||
औघट घाट घनो घनां रे, न्रिगुण बैल हमार। | औघट घाट घनो घनां रे, न्रिगुण बैल हमार। | ||
− | रांम नांम हम लादियौ, ताथैं विष लाद्यौ संसार | + | रांम नांम हम लादियौ, ताथैं विष लाद्यौ संसार रे।।1।। |
अनतहि धरती धन धर्यौ रे, अनतहि ढूँढ़न जाइ। | अनतहि धरती धन धर्यौ रे, अनतहि ढूँढ़न जाइ। | ||
अनत कौ धर्यौ न पाइयैं, ताथैं चाल्यौ मूल गँवाइ रे।।२।। | अनत कौ धर्यौ न पाइयैं, ताथैं चाल्यौ मूल गँवाइ रे।।२।। |
09:48, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
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हरि को टाँडौ लादे जाइ रे। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |