"कृतवर्मा" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('{{पुनरीक्षण}} *कृतवर्मा एक यादव, भोजराज ह्रदिक के पुत्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
(5 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 8 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
+
'''कृतवर्मा''' [[यदुवंश]] के अंतर्गत भोजराज हृदिक का पुत्र और [[वृष्णि संघ|वृष्णि वंश]] के सात सेनानायकों में से एक था। [[महाभारत]] युद्ध में इसने एक [[अक्षौहिणी|अक्षौहिणी सेना]] के साथ [[दुर्योधन]] की सहायता की थी। कृतवर्मा [[कौरव]] पक्ष का अतिरथी योद्धा था।<ref>महाभारत, उद्योगपर्व, 130-10-11</ref>
*कृतवर्मा एक यादव, भोजराज ह्रदिक के पुत्र; [[कौरव]] पक्ष का अतिरथी योद्धा।
+
 
*[[मथुरा]] पर आक्रमण के समय [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] ने क़ृतवर्मा को पूर्वी द्वार की रक्षा का भार सौंपा था।  
+
*[[मथुरा]] पर आक्रमण के समय [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] ने कृतवर्मा को पूर्वी द्वार की रक्षा का भार सौंपा था।
*क़ृतवर्मा ने बाण के मंत्री कूपकर्ण को हराया था।  
+
*एक भयंकर युद्ध में कृततवर्मा ने बाण के मंत्री कूपकर्ण को पराजित किया था।
*श्रीकृण्ण ने क़ृतवर्मा को [[हस्तिनापुर]] भी भेजा था जहाँ ये [[पाण्डव|पाण्डवों]], [[द्रोण]] तथा [[विदुर]] आदि से मिले थे और मथुरा जा श्रीकृष्ण से सारा हाल कह आये थे। इन्होंने शतधंवा की सहायता करना अस्वीकार किया था।
+
*श्रीकृष्ण ने कृतवर्मा को [[हस्तिनापुर]] भी भेजा था, जहाँ ये [[पाण्डव|पाण्डवों]], [[द्रोण]] तथा [[विदुर]] आदि से मिला था और मथुरा जाकर श्रीकृष्ण से सारा हाल कह आया था।
 +
*कृतवर्मा ने शतधंवा की सहायता करना अस्वीकार किया था। [[महाभारत]] के युद्ध में इसने अपने पराक्रम का अनेक बार प्रदर्शन किया।
 +
*अनेक बार [[पांडव]] सेना को कृतवर्मा ने युद्धविमुख किया तथा [[भीमसेन]], [[युधिष्ठिर]], [[धृष्टद्युम्न]], [[उत्तमौजा]] आदि वीरों को पराजित किया।
 +
*'द्वैपायन सरोवर' पर जाकर इसी ने [[दुर्योधन]] को युद्ध के लिए उत्साहित किया था।
 +
*निशाकाल के सौप्तिक युद्ध में कृतवर्मा ने [[अश्वत्थामा]] का साथ दिया तथा शिविर से भागे हुए योद्धाओं का वध किया।<ref>सौप्तिक पर्व 05-106-107</ref>, और पांडवों के शिविर में [[आग]] लगा दी थी।
 +
*'मौसल युद्ध' में [[सात्यकि]] के हाथों कृतवर्मा का वध हुआ।<ref>{{cite web |url=http://www.bharatkhoj.org/india/%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%A4%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE |title=कृतवर्मा  |accessmonthday=07 अगस्त |accessyear=2018 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language=हिन्दी}}</ref>
 +
*[[महाभारत]] के अनुसार मृत्यु के पश्चात्‌ स्वर्ग जाने पर कृतवर्मा का प्रवेश मरुद्गणों में हो गया।
  
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
 
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
{{महाभारत}}{{महाभारत2}}{{पौराणिक चरित्र}}  
+
{{महाभारत}}{{महाभारत युद्ध}}{{पौराणिक चरित्र}}  
[[Category:पौराणिक चरित्र]]
+
[[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:महाभारत]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
 
[[Category:महाभारत]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
 
 
 
 
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__

06:27, 7 अगस्त 2018 के समय का अवतरण

कृतवर्मा यदुवंश के अंतर्गत भोजराज हृदिक का पुत्र और वृष्णि वंश के सात सेनानायकों में से एक था। महाभारत युद्ध में इसने एक अक्षौहिणी सेना के साथ दुर्योधन की सहायता की थी। कृतवर्मा कौरव पक्ष का अतिरथी योद्धा था।[1]

  • मथुरा पर आक्रमण के समय श्रीकृष्ण ने कृतवर्मा को पूर्वी द्वार की रक्षा का भार सौंपा था।
  • एक भयंकर युद्ध में कृततवर्मा ने बाण के मंत्री कूपकर्ण को पराजित किया था।
  • श्रीकृष्ण ने कृतवर्मा को हस्तिनापुर भी भेजा था, जहाँ ये पाण्डवों, द्रोण तथा विदुर आदि से मिला था और मथुरा जाकर श्रीकृष्ण से सारा हाल कह आया था।
  • कृतवर्मा ने शतधंवा की सहायता करना अस्वीकार किया था। महाभारत के युद्ध में इसने अपने पराक्रम का अनेक बार प्रदर्शन किया।
  • अनेक बार पांडव सेना को कृतवर्मा ने युद्धविमुख किया तथा भीमसेन, युधिष्ठिर, धृष्टद्युम्न, उत्तमौजा आदि वीरों को पराजित किया।
  • 'द्वैपायन सरोवर' पर जाकर इसी ने दुर्योधन को युद्ध के लिए उत्साहित किया था।
  • निशाकाल के सौप्तिक युद्ध में कृतवर्मा ने अश्वत्थामा का साथ दिया तथा शिविर से भागे हुए योद्धाओं का वध किया।[2], और पांडवों के शिविर में आग लगा दी थी।
  • 'मौसल युद्ध' में सात्यकि के हाथों कृतवर्मा का वध हुआ।[3]
  • महाभारत के अनुसार मृत्यु के पश्चात्‌ स्वर्ग जाने पर कृतवर्मा का प्रवेश मरुद्गणों में हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत, उद्योगपर्व, 130-10-11
  2. सौप्तिक पर्व 05-106-107
  3. कृतवर्मा (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 07 अगस्त, 2018।

संबंधित लेख