एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

कांचनगिरि

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

कांचनगिरि विदेह के उत्तर कुरु व देवकुरु में सीता व सीतोदा नदी के दोनों तटों पर पचास-पचास अथवा नदी के भीतर स्थित दस-दस द्रहों के दोनों ओर पाँच-पाँच करके, कंचन वर्ण वाले कूटाकार सौ-सौ पर्वत हैं। अर्थात् देवकुरु व उत्तर कुरु में पृथक-पृथक् सौ-सौ हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कांचन गिरि (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 21 नवम्बर, 2013।
  2. अंजनी पुत्र हनुमान (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 21 नवम्बर, 2013।

संबंधित लेख