"ज़ेबुन्निसा" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (जेबुन्निसा का नाम बदलकर ज़ेबुन्निसा कर दिया गया है)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''जेबुन्निसा''' [[मुग़ल]] [[औरंगज़ेब|बादशाह औरंगज़ेब]] की संतानों में उसकी सबसे बड़ी पुत्री थी। वह काफ़ी प्रतिभाशाली तथा गुणों से सम्पन्न थी। जेबुन्निसा का निकाह उसके चाचा [[दारा शिकोह]] के पुत्र सुलेमान शिकोह से तय हुआ था, किंतु सुलेमान की मृत्यु हो जाने से यह निकाह नहीं हो सका। विद्रोही [[शाहज़ादा अकबर]] के साथ गुप्त पत्र व्यवहार के कारण [[वर्ष]] 1691 ई. में जेबुन्निसा को [[सलीमगढ़|सलीमगढ़ के क़िले]] में बंद कर दिया गया और 1702 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।
+
'''ज़ेबुन्निसा''' [[मुग़ल]] [[औरंगज़ेब|बादशाह औरंगज़ेब]] की संतानों में उसकी सबसे बड़ी पुत्री थी। वह काफ़ी प्रतिभाशाली तथा गुणों से सम्पन्न थी। ज़ेबुन्निसा का निकाह उसके चाचा [[दारा शिकोह]] के पुत्र सुलेमान शिकोह से तय हुआ था, किंतु सुलेमान की मृत्यु हो जाने से यह निकाह नहीं हो सका। विद्रोही [[शाहज़ादा अकबर]] के साथ गुप्त पत्र व्यवहार के कारण [[वर्ष]] 1691 ई. में ज़ेबुन्निसा को [[सलीमगढ़|सलीमगढ़ के क़िले]] में बंद कर दिया गया और 1702 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।
 
{{tocright}}
 
{{tocright}}
 
==जन्म तथा शिक्षा==
 
==जन्म तथा शिक्षा==
[[औरंगज़ेब|बादशाह औरंगज़ेब]] की सबसे बड़ी संतान जेबुन्निसा का जन्म [[5 फ़रवरी]], 1639 ई. को [[दक्षिण भारत]] के [[दौलताबाद]] स्थान पर [[फ़ारस]] के शाहनवाज ख़ाँ की पुत्री बेगम दिलरस बानो ([[रबिया दुर्रानी]]) के गर्भ से हुआ था। बचपन से ही जेबुन्निसा बहुत प्रतिभाशाली और होनहार थी। हफीजा मरियम नामक एक शिक्षिका से उसने शिक्षा प्राप्त की और अल्प समय में ही सारा '[[क़ुरान]] कंठस्थ कर लिया। विभिन्न [[लिपि|लिपियों]] की बहुत सुंदर और साफ लिखावट की कला में वह दक्ष थी।<ref name="aa">{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%9C%E0%A5%87%E0%A4%AC%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%BE |title=जेबुन्निसा |accessmonthday=21 मार्च|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
+
[[औरंगज़ेब|बादशाह औरंगज़ेब]] की सबसे बड़ी संतान ज़ेबुन्निसा का जन्म [[5 फ़रवरी]], 1639 ई. को [[दक्षिण भारत]] के [[दौलताबाद]] स्थान पर [[फ़ारस]] के शाहनवाज ख़ाँ की पुत्री बेगम दिलरस बानो ([[रबिया दुर्रानी]]) के गर्भ से हुआ था। बचपन से ही ज़ेबुन्निसा बहुत प्रतिभाशाली और होनहार थी। हफीजा मरियम नामक एक शिक्षिका से उसने शिक्षा प्राप्त की और अल्प समय में ही सारा '[[क़ुरान]] कंठस्थ कर लिया। विभिन्न [[लिपि|लिपियों]] की बहुत सुंदर और साफ लिखावट की कला में वह दक्ष थी।<ref name="aa">{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%9C%E0%A5%87%E0%A4%AC%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%BE |title=ज़ेबुन्निसा |accessmonthday=21 मार्च|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
 
====प्रतिभाशाली====
 
====प्रतिभाशाली====
जेबुन्निसा अपनी बाल्यावस्था से ही पहले [[अरबी भाषा|अरबी]] और फिर [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में 'मखफी', अर्थात्‌ 'गुप्त' उपनाम से [[कविता]] लिखने लगी थी। उसकी मँगनी [[शाहजहाँ]] की इच्छा के अनुसार उसके चाचा [[दारा शिकोह]] के पुत्र तथा अपने चचेरे भाई सुलेमान शिकोह से हुई, किंतु सुलेमान शिकोह की असमय ही मृत्यु हो जाने से यह [[विवाह]] नहीं हो सका।
+
ज़ेबुन्निसा अपनी बाल्यावस्था से ही पहले [[अरबी भाषा|अरबी]] और फिर [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में 'मखफी', अर्थात्‌ 'गुप्त' उपनाम से [[कविता]] लिखने लगी थी। उसकी मँगनी [[शाहजहाँ]] की इच्छा के अनुसार उसके चाचा [[दारा शिकोह]] के पुत्र तथा अपने चचेरे भाई सुलेमान शिकोह से हुई, किंतु सुलेमान शिकोह की असमय ही मृत्यु हो जाने से यह [[विवाह]] नहीं हो सका।
 
==धर्मपरायण==
 
==धर्मपरायण==
जेबुन्निसा को उसका [[दारा शिकोह]] बहुत प्यार करता था और वह [[सूफ़ी मत|सूफ़ी]] प्रवृत्ति की धर्मपरायण स्त्री थी। जेबुन्निसा को चार लाख [[रुपया|रुपये]] का जो वार्षिक भत्ता मिलता था, उसका अधिकांश भाग वह विद्वानों को प्रोत्साहन देने, विधवाओं तथा अनाथों की सहायता करने और प्रतिवर्ष '[[मक्का (अरब)|मक्का मदीना]]' के लिये तीर्थयात्री भेजने में खर्च करती थी। उसने बहुत सुंदर पुस्तकालय तैयार किया था और सुंदर अक्षर लिखने वालों से दुर्लभ तथा बहुमूल्य पुस्तकों की नकल करावायी।
+
ज़ेबुन्निसा को उसका [[दारा शिकोह]] बहुत प्यार करता था और वह [[सूफ़ी मत|सूफ़ी]] प्रवृत्ति की धर्मपरायण स्त्री थी। ज़ेबुन्निसा को चार लाख [[रुपया|रुपये]] का जो वार्षिक भत्ता मिलता था, उसका अधिकांश भाग वह विद्वानों को प्रोत्साहन देने, विधवाओं तथा अनाथों की सहायता करने और प्रतिवर्ष '[[मक्का (अरब)|मक्का मदीना]]' के लिये तीर्थयात्री भेजने में खर्च करती थी। उसने बहुत सुंदर पुस्तकालय तैयार किया था और सुंदर अक्षर लिखने वालों से दुर्लभ तथा बहुमूल्य पुस्तकों की नकल करावायी।
 
====अनुवाद कार्य====
 
====अनुवाद कार्य====
जेबुन्निसा ने प्रस्ताव के अनुसार साहित्यिक कृतियाँ तैयार करने वाले बहुत-से विद्वानों को अच्छे वेतन पर रखा और अपने अनुग्रहपात्र मुल्ला सैफुद्दीन अर्दबेली की सहायता से [[अरबी भाषा|अरबी]] के [[ग्रंथ]] तफ़सीरे कबीर (महत्‌ टीका) का 'जेबुन तफ़ासिर' नाम से [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में अनुवाद किया।<ref name="aa"/>
+
ज़ेबुन्निसा ने प्रस्ताव के अनुसार साहित्यिक कृतियाँ तैयार करने वाले बहुत-से विद्वानों को अच्छे वेतन पर रखा और अपने अनुग्रहपात्र मुल्ला सैफुद्दीन अर्दबेली की सहायता से [[अरबी भाषा|अरबी]] के [[ग्रंथ]] तफ़सीरे कबीर (महत्‌ टीका) का 'जेबुन तफ़ासिर' नाम से [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में अनुवाद किया।<ref name="aa"/>
 
==नज़रबंदी तथा मृत्यु==
 
==नज़रबंदी तथा मृत्यु==
अपने [[पिता]] [[औरंगज़ेब]] के विरुद्ध विद्रोह करने वाले [[शाहज़ादा अकबर]] के साथ गुप्त पत्र-व्यवहार का पता चल जाने पर जेबुन्निसा का निजी भत्ता बंद कर दिया, जमींदारी जब्त कर ली गई और उसे [[जनवरी]], 1691 में [[दिल्ली]] के [[सलीमगढ़|सलीमगढ़ क़िले]] में नजरबंद कद दिया गया। जेबुन्निसा की मृत्यु 1702 में हुई। उसे काबुली गेट के बाहर 'तीस हज़ारा बाग़' में दफ़नाया गया।
+
अपने [[पिता]] [[औरंगज़ेब]] के विरुद्ध विद्रोह करने वाले [[शाहज़ादा अकबर]] के साथ गुप्त पत्र-व्यवहार का पता चल जाने पर ज़ेबुन्निसा का निजी भत्ता बंद कर दिया, जमींदारी जब्त कर ली गई और उसे [[जनवरी]], 1691 में [[दिल्ली]] के [[सलीमगढ़|सलीमगढ़ क़िले]] में नजरबंद कद दिया गया। ज़ेबुन्निसा की मृत्यु 1702 में हुई। उसे काबुली गेट के बाहर 'तीस हज़ारा बाग़' में दफ़नाया गया।
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

13:37, 15 जनवरी 2015 का अवतरण

ज़ेबुन्निसा मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब की संतानों में उसकी सबसे बड़ी पुत्री थी। वह काफ़ी प्रतिभाशाली तथा गुणों से सम्पन्न थी। ज़ेबुन्निसा का निकाह उसके चाचा दारा शिकोह के पुत्र सुलेमान शिकोह से तय हुआ था, किंतु सुलेमान की मृत्यु हो जाने से यह निकाह नहीं हो सका। विद्रोही शाहज़ादा अकबर के साथ गुप्त पत्र व्यवहार के कारण वर्ष 1691 ई. में ज़ेबुन्निसा को सलीमगढ़ के क़िले में बंद कर दिया गया और 1702 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।

जन्म तथा शिक्षा

बादशाह औरंगज़ेब की सबसे बड़ी संतान ज़ेबुन्निसा का जन्म 5 फ़रवरी, 1639 ई. को दक्षिण भारत के दौलताबाद स्थान पर फ़ारस के शाहनवाज ख़ाँ की पुत्री बेगम दिलरस बानो (रबिया दुर्रानी) के गर्भ से हुआ था। बचपन से ही ज़ेबुन्निसा बहुत प्रतिभाशाली और होनहार थी। हफीजा मरियम नामक एक शिक्षिका से उसने शिक्षा प्राप्त की और अल्प समय में ही सारा 'क़ुरान कंठस्थ कर लिया। विभिन्न लिपियों की बहुत सुंदर और साफ लिखावट की कला में वह दक्ष थी।[1]

प्रतिभाशाली

ज़ेबुन्निसा अपनी बाल्यावस्था से ही पहले अरबी और फिर फ़ारसी में 'मखफी', अर्थात्‌ 'गुप्त' उपनाम से कविता लिखने लगी थी। उसकी मँगनी शाहजहाँ की इच्छा के अनुसार उसके चाचा दारा शिकोह के पुत्र तथा अपने चचेरे भाई सुलेमान शिकोह से हुई, किंतु सुलेमान शिकोह की असमय ही मृत्यु हो जाने से यह विवाह नहीं हो सका।

धर्मपरायण

ज़ेबुन्निसा को उसका दारा शिकोह बहुत प्यार करता था और वह सूफ़ी प्रवृत्ति की धर्मपरायण स्त्री थी। ज़ेबुन्निसा को चार लाख रुपये का जो वार्षिक भत्ता मिलता था, उसका अधिकांश भाग वह विद्वानों को प्रोत्साहन देने, विधवाओं तथा अनाथों की सहायता करने और प्रतिवर्ष 'मक्का मदीना' के लिये तीर्थयात्री भेजने में खर्च करती थी। उसने बहुत सुंदर पुस्तकालय तैयार किया था और सुंदर अक्षर लिखने वालों से दुर्लभ तथा बहुमूल्य पुस्तकों की नकल करावायी।

अनुवाद कार्य

ज़ेबुन्निसा ने प्रस्ताव के अनुसार साहित्यिक कृतियाँ तैयार करने वाले बहुत-से विद्वानों को अच्छे वेतन पर रखा और अपने अनुग्रहपात्र मुल्ला सैफुद्दीन अर्दबेली की सहायता से अरबी के ग्रंथ तफ़सीरे कबीर (महत्‌ टीका) का 'जेबुन तफ़ासिर' नाम से फ़ारसी में अनुवाद किया।[1]

नज़रबंदी तथा मृत्यु

अपने पिता औरंगज़ेब के विरुद्ध विद्रोह करने वाले शाहज़ादा अकबर के साथ गुप्त पत्र-व्यवहार का पता चल जाने पर ज़ेबुन्निसा का निजी भत्ता बंद कर दिया, जमींदारी जब्त कर ली गई और उसे जनवरी, 1691 में दिल्ली के सलीमगढ़ क़िले में नजरबंद कद दिया गया। ज़ेबुन्निसा की मृत्यु 1702 में हुई। उसे काबुली गेट के बाहर 'तीस हज़ारा बाग़' में दफ़नाया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 ज़ेबुन्निसा (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 21 मार्च, 2014।

संबंधित लेख