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+ | *यह नदी अपने साथ बड़ी मात्रा में [[मिट्टी]] लाकर बिछाती है। यह नदी कभी-कभी पाँच या छह जलधाराओं में बँट जाती है। कभी यह विशाल क्षेत्र में चादर के समान फैलकर बहती है। | ||
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+ | *अपने अंतिम पड़ावों में यह नदी लगभग सीधी रेखा में बहती है। | ||
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12:25, 20 सितम्बर 2015 का अवतरण
मेघना भारत के पश्चिमी बंगाल राज्य के डेल्टाई भाग में एस्चुअरी[1] बनाती हुई 'बंगाल की खाड़ी' में गिरने वाली नदी है। गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदी का अधिकांश जल यह नदी समुद्र तक पहुँचाती है।
- यह नदी अपने साथ बड़ी मात्रा में मिट्टी लाकर बिछाती है। यह नदी कभी-कभी पाँच या छह जलधाराओं में बँट जाती है। कभी यह विशाल क्षेत्र में चादर के समान फैलकर बहती है।
- इस नदी के मुहाने में तीन मुख्य द्वीप हैं। इसमें साल भार नावें तथा स्टीमर सरलता से चलाए जा सकते हैं, लेकिन किनारे बलुए होने से धँस जाते हैं, जो नावों के लिये हानिप्रद है। मानसून के समय में यह खतरा और भी बढ़ जाता है।[2]
- पूरी तरह बांग्लादेश की सीमाओं के भीतर सीमित नदियों में मेघना नदी सबसे चौड़े पाट वाली है।
- भोला के निकट एक बिंदु पर यह 12 कि.मी चौड़ी है।
- अपने अंतिम पड़ावों में यह नदी लगभग सीधी रेखा में बहती है।
- बहुत ही शांत एवं सौम्य दृश्य के बावजूद भी यह नदी प्रत्येक वर्ष बहुत से जान व माल की हानि का कारण बनती है। ढेरों फेरी सेवा की नावें इसमें डूबती हैं, जो सैंकड़ों की मृत्यु का कारण होती हैं। खासकर यह चांदपुर ज़िला के पास बहुत ही खतरनाक है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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