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'''प्रयोग'''- यहाँ के बराती बात बढ़ जाए तो लाठी उठा लें, बहन बेटी एक कर डालें, दुश्मन को खीरा-[[ककड़ी]] ही समझते हैं।
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'''प्रयोग'''- यहाँ के बराती बात बढ़ जाए तो लाठी उठा लें, बहन बेटी एक कर डालें, दुश्मन को [[खीरा]]-[[ककड़ी]] ही समझते हैं।
  
 
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12:46, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

खीरा-ककड़ी समझना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- दुर्बल और तुच्छ समझना।

प्रयोग- यहाँ के बराती बात बढ़ जाए तो लाठी उठा लें, बहन बेटी एक कर डालें, दुश्मन को खीरा-ककड़ी ही समझते हैं।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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